बंगला चुनाव – ममता की चोट से होगा बीजेपी को नुकसान? आखिरी समय में बदल जाता है सहानुभूति से वोटरों का मत
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नई दिल्ली – बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने नए विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम में हुए हादसे में चोटिल हो गईं। ममता बनर्जी का सीधा साधा आरोप है कि बीजेपी ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रची हैं। जबकी, बीजेपी और कांग्रेस, दोनों पार्टियों का कहना है कि ममता झूठ बोल रही हैं।
इन पार्टियों का कहना है कि ममता को इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है, इसलिए वो वोटरों की सहानुभूति बटोरने की पाखंड कर रही हैं।
कांग्रेस पार्टी की ओर से ममता बनर्जी बड़ा हमला किया गया, पश्चिम बंगाल के बड़े कांग्रेसी और लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “यह सहानुभूति बटोरने के लिए सियासी पाखंड है। ममता दीदी को लगने लगा कि नंदीग्राम में जीतना मुश्किल है तो उन्होंने चुनावों से पहले यह नौटकीं रची है। वो न केवल मुख्यमंत्री है बल्कि, पुलिस मंत्री भी हैं। क्या आप यकीन कर पाएंगे कि पुलिस मंत्री के साथ एक भी पुलिस नहीं थी?”
This is 'siyasi pakhand' to gain sympathy. Before polls, she (Mamata Banerjee) planned this 'nautanki' after sensing difficulties in Nandigram. Not just CM, she is Police Mantri' too. Can you believe that there was no Police with Police Mantri?: Congress' Adhir Ranjan Chowdhury pic.twitter.com/iBjO8IF0Dk
— ANI (@ANI) March 10, 2021
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तो दूसरी तरफ, बीजेपी भी कुछ चश्मदीदों के हवाले से पूरे घटनाक्रम को ममता का पाखंड ही बताया है। प्रदेश बीजेपी के ट्विटर हैंडल से प्रत्यक्षदर्शियों के बयान ट्वीट किए गए हैं जिनमें कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी को किसी ने धक्का नहीं दिया है। बीजेपी ने इन बयानों के साथ सवाल किया है, “क्या हाथ से निकल चुकी चुनावी लड़ाई में सहानुभूति बटोरने की कोशिश है?”
“No one pushed or attacked her”
Watch eyewitness accounts from Shri Suman Maity & Shri Chittaran Das debunking Mamata Banerjee’s claim that she was attacked by 4-5 people despite heavy security deployment to protect her.
Trying to gain sympathy votes in an already lost battle? pic.twitter.com/3fgvphsDdv
— BJP (@BJP4India) March 10, 2021
बीजेपी पार्टी का दावा है कि ममता नंदीग्राम में अपनी चुनाव हार की आशंका से घबरा गई हैं। उनका भरोसा डगमगा गया है।
हालांकि, मुख्यमंत्री का कहना है कि ये सब बीजेपी की साजिश का हिस्सा है। यह सब जानबूझकर किया गया है।
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#WATCH 4-5 लोगों ने गाड़ी एकदम बंद कर दी। बहुत चोट लग गई… वहां लोकल पुलिस से कोई नहीं था। किसी की साजिश जरूर है। यह जानबूझकर किया गया है: पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी pic.twitter.com/9pXQRnh0ee
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 10, 2021
ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी ने अस्पताल में भर्ती ‘दीदी’ की तस्वीर के साथ ट्वीट किया है, “बीजेपी को लोगों, तुम खुद बंगाल की जनता की ताकत रविवार, 2 मई को देख लेना। तैयार रहो।”
.@BJP4Bengal Brace yourselves to see the power of people of BENGAL on Sunday, May 2nd.
Get READY!!! pic.twitter.com/dg6bw1TxiU
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) March 10, 2021
तो अब सवाल है कि क्या ममता के भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी को लगता हैं, दीदी की चोट से पीड़ित और सहानुभूति के पक्ष में वोटरों का ध्रुवीकरण हो जाएगा। इन सवालों के जवाब तो सटीक तौर पर दो मई को ही मिल पाएगा।
फिलहाल सहानुभूति वोटरों का मिजाज को समझने के लिए हमें इतिहास के पन्नों से कुछ तथ्य समझना होगा। दरअसल, भारतीय चुनावी इतिहास में सहानुभूति वोटों की बड़ी भूमिका रही है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से लेकर कई बार ऐसे मौके आए जब यह साबित हुआ कि मतदाताओं का झुकाव आखिरी वक्त में भी बदल जाता है और वो पीड़ित लगने वाले पक्ष का साथ दे देते हैं। क्या बंगाल में भी कुछ ऐसा ही होने जा रहा है?
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