चीनी रक्षा विशेषज्ञ की चेतावनी- भारत को स्थाई दुश्मन न बनाए शी जिनपिंग
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नई दिल्ली- चीनी रक्षा मामलों के विशेषज्ञ और पत्रकार ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में आर्टिकल लिखकर शी जिनपिंग को चेतावनी दी है। चीनी पत्रकार शी जिआंगताओ ने हॉन्ग कॉन्ग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में लिखे अपने लेख में कहा कि अगर चीन सचमुच में भारत को स्थायी शत्रु नहीं बनाने के लिए गंभीर है तो उसे सीमा से जुड़ी शिकायतों को एक तरफ रखकर और लद्दाख में गतिरोध को खत्म करके इसकी शुरुआत करनी चाहिए।
अखबार में प्रकाशित अपने लेख में शी जिआंगताओ ने कहा है कि एक साल पहले किसी ने यह अपेक्षा नहीं की थी कि वर्ष 2017 के बाद सुधर रहे चीन-भारत संबंध अपने निचले स्तर पर पहुंच जाएंगे। करीब 13 महीने बीत जाने के बाद भी पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस गतिरोध के दौरान भारत और चीन दोनों के ही सैनिक गलवान घाटी में मारे गए थे। उन्होंने कहा कि इस घटना से नई दिल्ली के पेइचिंग को लेकर समझ में निर्णायक बदलाव आया।
भारत-चीन के सम्बंध गर्त में
शी जिआंगताओ ने लिखा है कि गलवान हिंसा से पहले दोनों देश हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा देते थे और पीएम मोदी तथा शी जिनपिंग के बीच दोस्ती की चर्चा भी थी । उन दिनों चीन का अमेरिका के साथ शीत युद्ध चल रहा था और ज्यादातर विशेषज्ञों की सलाह थी कि चीन के लिए भारत को अलग करना उसके अपने लिए भयावह होगा। एक साल बाद ठीक वही हुआ जिसकी चेतावनी दी गई थी।
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भारत चीन के सम्बंध दोराहे पर- एस जय शंकर
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने कहा कि चीन के साथ काफी ज्यादा बिगड़ चुके रिश्ते अब दोराहे पर हैं।एस जयशंकर ने इसका कारण गिनाते हुए कहा कि अगर आप शांति और सद्भाव को छेड़ते हैं, आप रक्तपात करते हैं और यदि डराते हैं और सीमा पर लगातार तनाव बना रहता है तो इसका रिश्तों पर असर पड़ना तय है। चीनी विशेषज्ञ शी जिआंगताओ ने कहा कि इस समय भारत में चीन के खिलाफ अविश्वास अपने चरम पर है। भारत के विशेषज्ञ चीन के खतरे और पाकिस्तान के साथ उसकी नजदीकी को लेकर आगाह कर रहे हैं। भारत में चीनी ऐप के बैन करने का ज्यादातर लोग समर्थन करते हैं।
शी जिनपिंग को दी सलाह
पत्रकार ने चीनी प्रीमीयर को सलाह देते हुए कहा है कि भारत ने अमेरिका के साथ अपनी झिझक को खत्म कर दिया है, इसलिए भारत चीन विरोधी नीति का अहम पिलर बन गया है। भारत अब क्वॉड का सदस्य है जो चीन को संतुलित करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चीन के उभार और उसकी घरेलू तथा बाह्य स्तर पर कट्टरवादी नीतियों की वजह से जापान और भारत जैसे देश अमेरिका के करीब जा रहे हैं। पत्रकार शी जिआंगताओ ने लिखा है कि अगर चीन इस बात को लेकर गंभीर है कि नई दिल्ली उससे दूर नहीं जाए या भारत उसका हमेशा के लिए शत्रु न बन जाए तो उसे सीमा से जुड़े मुद्दों की शिकायतों को एक तरफ रखना होगा और गतिरोध को खत्म करना होगा।
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