मोदी जल्द करेंगे मंत्रीमंडल का विस्तार, सिंधिया, वरूण गांधी का मंत्री बनना तय, कई के मंत्रीपद पर लटकी तलवार
नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही अपने मंत्रीमंडल का विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अगले दो तीन दिन में मंत्रीमंडल का विस्तार हो सकता है। राजनैतिक गलियारों में कांग्रेस से बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंत्री बनना तय है। वहीं काफी लम्बे समय से हासिये पर चल रहे है, वरूण गांधी को इस बार मंत्री पद दिया जा सकता है। इसके अलावा सर्वानन्द सोनोवाल रीता बहुगुणा जोशी और अनुप्रिया पटेल का भी मंत्री बनना लगभग तय है। मोदी 2.0 का यह पहला विस्तार होगा। कई राज्यों में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए मंत्रीमंडल का विस्तार किया जाएगा। फिलहाल नरेंद्र मोदी सरकार में 53 मंत्री है जबकि 28 मंत्रीपद अभी भी रिक्त हैं।
फिलहाल 9 मंत्रियों के पास एक से ज्यादा मंत्रालय है। इनमें प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी, डॉ. हर्षवर्धन, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं।
ये भी बन सकते हैं मंत्री
राजनैतिक गलियारों में मंत्री बनने जिन सांसदों के चर्चा चल रही है वो हैं- उत्तराखंड से अजय भट्ट या अनिल बलूनी से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है । कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक। हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, राजस्थान से राहुल कासवान, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र से पूनम महाजन या प्रीतम मुंडे या हिना गावित शामिल हैं। इस लिस्ट में दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का नाम भी हो सकता है।
इन लोगों को भी मिल सकती है जिम्मेदारी
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, महाराष्ट्र के नेता नारायण राणे, भूपेंद्र यादव और भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष ओम माथुर को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इनके अलावा उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वरुण गांधी, रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, रीता बहुगुणा जोशी, जफर इस्लाम और अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी कतार में हैं।
चिराग पर तय नहीं कर पा रही बीजेपी
चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल किया जाए या नहीं अभी बीजेपी के कर्ता धर्ता यह तय नहीं कर पा रहे हैं। बीजेपी अभी चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस में से किसी एक को चुनने में सतर्कता बरत रही है। एलजेपी के चार सांसद उनके चाचा पशुपति पारस के साथ चले गए हैं ऐसे में बीजेपी तय नहीं कर पा रही है कि एलजेपी की दोनो फाड़ों में से किसे मंत्रीमंडल में शामिल होने के लिए चुना जाए। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चाहते हैं उन्हें भी इस मंत्रीमंडल विस्तार में सम्मानजनक पद मिले। 2019 में नीतीश ने केंद्र में मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कम से कम दो मंत्रालयों की उम्मीद कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी से लल्लन सिंह, रामनाथ ठाकुर और संतोष कुशवाहा इस दौड़ में शामिल हैं।