जेडीयू में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर घमासान, उपेंद्र कुशवाहा गुट और ललन सिंह आमने – सामने
पटना – दो दिन पहले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद जनता दल युनाईटेड में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर अंदरूनी तल्खी देखने को मिल रहा हैं। खबरों के मुताबिक पार्टी के दिग्गज ललन सिंह और हाल ही में जेडीयू ज्वाइन किए उपेंद्र कुशवाहा के बीच अध्यक्ष पद को लेकर होड़ शुरू हो गई हैं।
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर सबसे आगे पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र का नाम चल रहा हैं। लेकिन कुशवाहा अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक कई बदलाव करने पड़ सकते हैं।
लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता हैं तो नीतीश कुमार की सोशल इंजीनियरिंग का पूरा समीकरण ध्वस्त होता दिख रहा है। अपने ही समाज से आने वाले RCP सिंह को नीतीश कुमार ने पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया, फिर उन्हें केंद्र में मंत्री भी बना दिया। और इस बीच RCP सिंह से सीनियर नेता अपनी बारी के इंतजार में रह गए।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना हैं कि CM नीतीश कुमार सोशल इंजीनियरिंग के जोड़-तोड़ में माहिर हैं। इनको पता है कि किसको कहां और कैसे सेट करना है। यदि, उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो फिर JDU में पहले उमेश कुशवाहा प्रदेश अध्यक्ष हैं, उनको पद छोड़ना होगा। दोनों एक ही समाज से आते हैं। ऐसे में दोनों में से एक को चुनना होगा। संभवत: इस पूरे प्रकरण में उमेश कुशवाहा की बलि ली जा सकती है।
यदि, प्रदेश स्तर पर कोई बदलाव नहीं किया गया तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए उपेंद्र कुशवाहा की जगह कोई और नाम तय किया सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि वैसे भी उपेंद्र को पार्टी में आए तीन महीने ही हुए है। उपेंद्र के पार्टी में आते ही उन्हें JDU संसदीय बोर्ड का चेयरमैन बना दिया गया, तीन दिन बाद उन्हें MLC बना दिया गया। यदि अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो JDU के अंदर असंतोष हो जाएगा।
इसलिए बनाया जा सकता हैं ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष
JDU सूत्रों के मुताबिक, नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए किसी अगड़ी जाति के नेता की तलाश को रही है। इसमें ललन सिंह, विजय चौधरी, संजय झा हो सकते हैं। इन तीनों में से विजय चौधरी और संजय झा बिहार सरकार में मंत्री हैं। ललन सिंह सांसद हैं, चार दशकों से नीतीश कुमार के साथ राजनीति करते रहे हैं। साथ ही नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेता भी माने जाते हैं।
इससे पहले भी ललन सिंह प्रदेश में अध्यक्ष रह चुके हैं। ललन सिंह के पास संगठन चलाने का लम्बा अनुभव भी है। ऐसे में नीतीश कुमार चाहेंगे कि ललन सिंह को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दें तो उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
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