यूपी – जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार, 2 बच्चे से अधिक पर सरकारी नौकरी नही, चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी, जानिये कानून की बड़ी बातें
लखनऊ – उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पूर्व जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर माहौल गर्म हो गया है। राज्य सरकार ने इस कानून को लेकर मसौदा(ड्राफ्ट) तैयार कर लिया है। राज्य विधि आयोग के चीफ जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने इस ड्राफ्ट को तैयार किया है। अगर यह ड्राफ्ट कानून में बदला तो इसमें 2 दो बच्चों से अधिक वाले को काफी नुकसान होगा, वहीं दो बच्चे वालो को कई तरह की सुविधाएं भी दी जाएगी।
विधि आयोग का दावा है कि अनियंत्रित जनसंख्या के कारण पूरी व्यवस्था प्रभावित हो रही है। आयोग ने ड्राफ्ट पर 19 जुलाई तक जनता से राय मांगी है। इससे पहले लव जिहाद कानून का ड्राफ्ट भी आदित्यनाथ मित्तल ने ही तैयार किया था।
ड्राफ्ट की बड़ी बातें
2 से अधिक बच्चों के अभिभावकों को सरकारी नॉकरी नही मिलेगी।
2 से अधिक बच्चों के अभिभावकों को किसी भी प्रकार के चुनाव लड़ने के अधिकार नही।
एक राशन कार्ड में केवल चार सदस्यों के नाम होंगे, ऐसे में 2 से अधिक बच्चों वाले परिवार में सभी सदस्य शामिल नही होंगे।
यह कानून 21 साल से अधिक उम्र के युवक और 18 साल से अधिक उम्र की युवतियों पर लागू होगा।
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर आधारित पाठ्यक्रम स्कूलों में पढ़ाई जाएगी।
अगर किसी महिला को दूसरी प्रेग्नेंसी में जुड़वा बच्चा पैदा होता है तो उस पर यह कानून लागू नहीं होगी।
तीसरे बच्चे को गोद के रूप में लिया जा सकता है, ऐसी स्थिति में वह अभिभावक कानून के दायरे में नहीं होंगे।
सरकारी कर्मचारी को इस कानून को नियम और निष्ठा से निभाने के लिए शपथ दिलाई जाएगी।
2 बच्चों वाले को मिलेगी ये सुविधाएं
दो बच्चे की नीति अपनाने वाले अभिभावकों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। ऐसे पेरेंट्स जिनके दो बच्चे हैं और वे सरकारी नौकरी में हैं और अपनी इच्छा से नसबंदी कराते हैं तो उन्हें दो एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, PF में एंप्लायर कॉन्ट्रिब्यूशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी। पानी, बिजली, हाउस टैक्स में भी छूट मिलेगी।
एक संतान पर स्वयं नसबंदी कराने वाले अभिभावकों की संतान को 20 साल तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश है।
केवल एक संतान वाले को मुफ्त शिक्षा
वन चाइल्ड पॉलिसी स्वीकार करने वाले BPL श्रेणी के माता-पिता को विशेष तौर पर प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव रखा है।
इसके तहत जो माता–पिता पहला बच्चा पैदा होने के बाद आपरेशन करा लेंगे‚ उन्हें कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। पहला बच्चा बालिग होने पर 77 हजार और बालिका पर एक लाख की विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ऐसे माता–पिता की पुत्री को उच्च शिक्षा तक मुफ्त पढ़ाई‚ जबकि पुत्र को 20 वर्ष तक नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी।
जस्टिस मित्तल ने कहा – हम किसी धर्म के खिलाफ नही।
जस्टिस आदित्य मित्तल ने कहा कि जानबूझकर कोई कानून का उल्लंघन करेगा तो उसे कानूनी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि हमने सोच समझकर नीति बनाई है। हम किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं हैं। हम चाहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण में मदद करने वालों को योजनाओं का लाभ मिले।
1 साल बाद किया जाएगा कानून लागू
कानून के मौजूदा प्रारूप के मुताबिक ये विधेयक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से एक साल बाद लागू होगा। एक से ज्यादा शादी के मामले में, बच्चों की सही संख्या जानने के उद्देश्य से प्रत्येक जोड़े को एक विवाहित जोड़े के रूप में गिना जाएगा।
कानून को लेकर 19 जुलाई तक जनता से मांगी गई राय
राज्य विधि आयोग ने ड्राफ्ट को उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 नाम दिया है। आयोग ने ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट http://upslc.upsdc.gov.in/ पर शुक्रवार को ही अपलोड कर दिया है। 19 जुलाई तक जनता से राय मांगी गई है। यह ड्राफ्ट ऐसे समय में पेश किया गया है, जब 11 जुलाई को योगी आदित्यनाथ सरकार नई जनसंख्या नीति जारी करने जा रही है।