उत्तराखंड – कोरोना के तीसरी लहर में 10% बच्चें होंगे प्रभावित, पड़ेगी अधिक अस्पतालों की जरूरत
उत्तराखंड – देश भर में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कई तरह के अंदेशा जताई जा रही हैं। उत्तराखंड में भी तीसरी लहर (Covid Third wave in Uttrakhand) से पहले बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने गहरी चिंता व्यक्त की है। राज्य में 18 साल की उम्र तक के 38 लाख बच्चे हैं। विभाग का अनुमान है कि दस प्रतिशत बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने का नौबत आ सकती है।
स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने कोरोना के तीसरी लहर की समीक्षा (Covid Third wave in Uttrakhand) के दौरान कहा कि यहां पांच प्रतिशत बच्चों को ही संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आएगी। जबकि तीन प्रतिशत बच्चों को ऑक्सीजन बेड जबकि दो प्रतिशत बच्चों को आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है। अनुमान है कि राज्य में महज दस प्रतिशत बच्चों को ही कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल जाने की नौबत आएगी। इसमें से पांच प्रतिशत बच्चे गंभीर संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। जिन्हें आईसीयू और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होगी।जबकि पांच प्रतिशत संक्रमण के बाद अस्पताल पहुंचेंगे लेकिन उनकी स्थिति ज्यादा नहीं बिगड़ेगी।
बैठक के दौरान एनएचएम की निदेशक डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि बच्चों के इलाज वाले अस्पतालों को चिह्नित किया गया है। 108 सेवा की 20 प्रतिशत जबकि लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली 80 प्रतिशत एम्बुलेंस बच्चों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है। विभाग के आकलन के अनुसार राज्य में बच्चों के लिए 700 के करीब बेड की जरूरत होगी जबकि राज्य में 1448 ऑक्सीजन बेड हैं। 277 आईसीयू की जरूरत पड़ेगी जबकि अस्पतालों में 1890 आईसीयू मौजूद हैं। बताया कि 12 साल से कम आयु के बच्चों को विटामिन का वितरण किया जाएगा।
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