चीन में मंकी वायरस से पहली मौत, संक्रमित होने पर 80% तक मृत्यु दर, जानिए क्या है इसके लक्षण और बचाव
नई दिल्ली – कोरोना वायरस की तबाही अभी थमी नहीं हैं और इस बीच मंकी वायरस (Herpes B) की चर्चा तेज हो गई हैं। चीन में ही मंकी वायरस से पहले मरीज की मौत का मामला सामने आया हैं। बंदर के जरिए इंसानों में फैलने वाले मंकी बी वायरस के संक्रमण की चपेट में आकर पशुओं के एक डॉक्टर की मौत हो गई है। यह चीन में इस वायरस से फैले संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया है। यह वायरस कितना जानलेवा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इससे संक्रमित लोगों के मरने की दर 70 से 80 फीसदी है।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक बीजिंग में जानवरों के एक डॉक्टर की मंकी बी वायरस (Herpes B) से मौत का पहला मामला सामने आया है। जबकि बताया गया है कि डॉक्टर के संपर्क में आए सभी लोग अभी पूरी तरह सुरक्षित हैं। 53 साल का ये पशु चिकित्सक एक इंस्टीट्यूट में नॉन-ह्यूमन प्राइमेट्स पर रिसर्च कर रहा था।
जानकारी के मुताबिक जानवरों के डॉक्टर ने मार्च में दो मृत बंदरों पर रिसर्च किया था। इसके बाद उसमें मतली और उल्टी के शुरुआती लक्षण नजर आए थे। रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमित चिकित्सक का कई अस्पतालों में इलाज किया गया, लेकिन अनेकों कोशिशों के बावजूद उसकी मौत हो गई।
क्या हैं मंकी वायरस या हार्पीस बी वायरस
आईसीएमआर के पूर्व कंसल्टेंट डॉक्टर वीके भारद्वाज कहते हैं कि हर्पीस बी वायरस (Herpes B) या फिर मंकी वायरस आमतौर पर वयस्क मैकाक बंदरों से फैलता है। इसके अलावा रीसस मैकाक, सूअर-पूंछ वाले मैकाक और सिनोमोलगस बंदर या लंबी पूंछ वाले मैकाक से भी यह वायरस फैलता है।
डॉक्टर भारद्वाज कहते हैं कि इसका इंसानों में पाया जाना दुर्लभ है, क्योंकि यह वायरस अब तक भारत के बंदरों में नहीं है, लेकिन अगर कोई इंसान इस वायरस (Herpes B) से संक्रमित हो जाता है तो उसे तंत्रिका संबंधी रोग या फिर दिमाग से जुड़ी समस्या भी हो सकती है।
मंकी वायरस के लक्षण क्या हैं. और कैसे फैलता है यह वायरस
आमतौर पर मंकी वायरस (Herpes B) से संक्रमित मरीजों में पाया गया हैं कि संक्रमितों को खुजली होना, थकान, उल्टी या मतली, मांसपेशियों में अकड़न, घाव के पास दर्द होना, बुखार और ठंड लगना तथा 24 घंटे से अधिक समय तक सिरदर्द होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
यह वायरस बंदरों के काटने, उसके खरोचने, उसकी लार, मल मूत्र या संक्रमित इजेक्शन के जरिए फैल सकता हैं। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को समय पर इलाज न मिले तो लगभग 70% मामलों में मरीज की मौत हो सकती है। ऐसे में अगर आपको किसी बंदर ने काट लिया है या खरोंच दिया है तो हो सकता है कि वो हार्पीस बी वायरस (Herpes B) का कैरियर हो। ऐसी स्थिति में तुरंत प्राथमिक चिकित्सा शुरू कर देनी चाहिए। घाव वाली जगह को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ करें।
कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक, मंकी बी वायरस के इलाज के लिए एंटी वायरल दवाएं तो उपलब्ध हैं, लेकिन अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है।