महंगाई पर विपक्षी दलों का वार- संसद तक साइकिल मार्च, राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और मनोज झा भी शामिल
नई दिल्ली/आयूष कुशवाहा– पेगासस जासूसी को लेकर कांग्रेस पार्टी का विरोध जारी है। इस बीच मंहगाई, किसान, बेरोजगारी के मुद्दे पर भी तमाम विपक्ष एकजुट होकर सड़क से संसद तक सरकार को घेरने में लगा हैं। मंगलवार को 14 विपक्षी दलों ने साथ आकर संसद तक साइकिल मार्च निकाला(Opposition’s Cycle March) है। कांग्रेस की कोशिश है कि पेगासस जासूसी, मंहगाई, कृषि कानून जैसे तमाम राष्ट्रीय मुद्दों पर अधिक से अधिक विपक्षी दल उनके साथ आये, और ऐसा ही हुआ कांग्रेस पार्टी को कई दलों का साथ मिला। राहुल गांधी ने आज विपक्ष के तकरीबन 100 सांसदों को चाय नाश्ते पर बुलाकर एकजुटता का प्रमाण दिया हैं।
ये दल हुए शामिल
इस बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, राजद, सपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, माकपा, IUML, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), केरल कांग्रेस (M), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, तृणमूल कांग्रेस और लोकतांत्रिक जनता दल इस बैठक में शामिल हुए थे। आम आदमी पार्टी बैठक में शामिल नहीं हुई। इस ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स का मकसद विपक्ष को एक साथ रखने की कोशिश के साथ पेगासस जासूसी कांड जैसे मुद्दों पर संसद में सरकार की घेराबंदी के लिए रणनीति तैयार करना भी था। बैठक के बाद तमाम विपक्षी दलों ने संसद तक साइकिल मार्च भी निकाला (Opposition’s Cycle March)
आवाज की एकजुटता ही मुद्दे को प्रभावी बनाएगी – राहुल गांधी
बैठक के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा विपक्षी पार्टियां आपस में बहस कर सकती है। लेकिन पेट्रोल-डीजल के मसले पर हम सभी को आवाज उठाने की जरूरत हैं। मेरी नजर में सबसे अहम चीज यह है कि हम इस बल को एकजुट करें। जितनी ज्यादा लोगों की आवाज एकजुट होगी, उतनी ज्यादा यह प्रभावी बनेगी और BJP-RSS के लिए इसे दबा पाना उतना ही मुश्किल होगा। बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार हमारी बात नही सुन रही है, हमे सड़क से संसद(Opposition’s Cycle March) तक लड़ाई लड़नी होगी। जैसे कोरोना पर चर्चा हुई उसी तरह पेगासस मामले पर चर्चा होनी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि वाम दलों ने सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के तरीके के तौर पर नकली संसद चलाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, सभी विपक्षी दल इस पर सहमत नहीं हैं। विपक्षी दल पेगासस स्पायवेयर की मदद से जासूसी के आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है।