अफगानिस्तान से लौटी भारतीय महिला की जुबानी, तालिबानी की दहशत की कहानी
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नई दिल्ली/आयूष कुशवाहा -तालिबान अब लगभग अफगानिस्तान के करीब 65 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर चुका है।अफगानिस्तान में स्थितियां (Afganistan’s Situations) लगातार बिगड़ती जा रही हैं। लोगो को हर वक्त अपनी जान की फिक्र सताने लगी हौ ।इन दिनों हर रोज ही अफगानिस्तान में बम के धमाकों के साथ सुबह हो रही है।

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पड़ोसी देशों ने सीमाएं सील की
अफगानिस्तान से सटे पड़ोसी देशों ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है। तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान वीजा न देने के बहाने बना रहे हैं। पाकिस्तान का वीजा भी बहुत मुश्किल से मिल रहा है। भारत अफगान लोगों को सिर्फ मेडिकल वीजा देता है।
तजाकिस्तान अब भी वीजा दे रहा है, लेकिन इसकी कीमत इतनी महंगी कर दी है कि आम लोग इसे चुका नहीं सकते हैं। ऐसे में एक तरह से अफगानिस्तान से बाहर निकलने के रास्ते बंद हो गए हैं।
तालिबान से लोगों को आने जाने पर भी रोक
तालिबान लोगों को आने-जाने नहीं दे रहे हैं। यदि बहुत जरूरी काम है, बीमारी की हालत है तो सिर्फ एक व्यक्ति को ही काम पूरा करने के लिए जाने दिया जा रहा है। इक्का-दुक्का लोग ही बमुश्किल बहाने बनाकर बाहर निकल पा रहे हैं, लेकिन पकड़े जाने पर जान का खतरा तो है ही।
काबुल समेत पूरे देश (Afganistan’s Situations) में काम-धंधे बंद हैं। लोगों के पास पैसे नहीं हैं। मेरे अपने कई रिश्तेदारों ने घर का खर्च चलाने के लिए मुझसे पैसे उधार लिए हैं क्योंकि उनकी आय के सभी दूसरे स्रोत बंद हो चुके हैं। पैसा न होने की वजह से बहुत से लोग सुरक्षित ठिकानों की तरफ भी नहीं जा पा रहे हैं।
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