भारत को तालिबान की धमकी – मिलिट्री के साथ अफगानिस्तान आएं तो अंजाम अच्छा नहीं होगा
नई दिल्ली – तालिबान धीरे धीरे पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने की ओर बढ़ रहा हैं। ताजा हालातों के अनुसार तालिबानियों ने अफगानिस्तान के 65 फीसदी क्षेत्रों पर अपना हक जता दिया हैं।अफगानिस्तान के कंधार समेत 19 प्रांतों पर कब्जा कर चुका तालिबान अब काबुल एयरपोर्ट से भी महज एक घंटे की दूरी पर है। इस बीच तालिबान ने भारत को भी धमकी (Taliban threatens India) दे डाली हैं। एक ओर तालिबानी अफगानिस्तान को भारत से मिलने वाली मदद की सराहना कर रहा है तो वहीं साथ में चेतावनी भी दे रहा हैं कि अगर भारत अफगानिस्तान में अपनी सेनाओं की दखल देता हैं, तो यह उसके लिए अच्छा नहीं होगा (Taliban threatens India)
इधर भारत भी दो टूक कह चुका है अफगानिस्तान में ताकत के बल पर बनी सरकार को मान्यता नहीं देंगे। भारत के अलावा जर्मनी, कतर, तुर्की और कई अन्य देशों ने अफगानिस्तान में हिंसा और हमले तुरंत रोकने की अपील की है।
आइए जानते हैं कि तालिबानी प्रवक्ता ने क्या कहा ..
तालिबानी प्रवक्ता मोहम्मद सुहेल शाहीन ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि हम भारत द्वारा अफगानिस्तान में किए गए कार्यों की सराहना करते हैं लेकिन अगर भारत अपनी सेनाओं के साथ अफगानिस्तान में मौजूदगी देती हैं, तो यह उसके लिए अच्छा नहीं होगा (Taliban threatens India) शाहिन ने कहा कि भारत दूसरे देशों के सेनाओं का नतीजा देख लिया हैं, और यह सब उनके लिए खुली किताब की तरह हैं, ‘ उनका कहना है कि भारत ने अफगानिस्तान की मदद की है, पहले भी कही है और इसकी सराहना होती है।
शाहिन ने भारत की सराहना में क्या कहा…
शाहीन ने कहा है, ‘अफगानिस्तान के लोगों के लिए बांध, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रॉजेक्ट और दूसरे विकास, पुनर्निर्माण और लोगों की आर्थिक संपन्नता के लिए गए काम की हम सराहना करते हैं।’ भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की बात की पुष्टि नहीं की है। शाहीन का कहना है कि अलग से कोई मीटिंग नहीं हुई है लेकिन दोहा में एक बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल मौजूद था।
वहीं शाहीन का कहना है कि तालिबान की तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा है, ‘हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बना रहे हैं। हमने यह अपने बयानों में कई बार कहा है। यह हमारी प्रतिबद्धता है।’
कुछ दिन पहले पकतिया में गुरुद्वारे से निशान साहिब हटाने के आरोप का भी तालिबान प्रवक्ता ने खंडन किया है। शाहीन का कहना है कि सिख समुदाय ने खुद ही वह झंडा हटाया था। उन्होंने कहा कि जब तालिबानी सुरक्षा अधिकारी वहां पहुंचे तो लोगों ने कहा कि किसी ने देख लिया तो उन्हें परेशान किया जाएगा। शाहीन का कहना है कि तलिबान के समझाने के बाद झंडा वापस लहराया गया।