कश्मीर में आतंकी बदल रहे है लड़ाई के तरीके, आईजीपी बोले अतिरिक्त सावधानी जरूरत
श्रीनगर- भारतीय सुरक्षाबलों ने कश्मीर में आतंकियों की कमर तोड़ कर रख दी है। आर्टिकल 370 के हटने के बाद से आतंकी किसी भी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए हैं। कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या में निरंतर गिरावट आ रही है और आतंकियों की नई फौज भी तैयार नहीं हो रही है। अपने आका पाकिस्तान को खुश करने के लिए आतंकी अब गंदी साजिश पर उतर आए हैं। भारतीय सुरक्षा मुस्तैदी के सामने आतंकी लगातार फेल होते जा रहे हैं ऐसे आंतकी अब नई साजिश रच रहे हैं।
मस्जिदों को बना रहे हैं छुपने का स्थान
कश्मीर पुलिस के आईजीपी विजय कुमार का कहना है कि आतंकी अब मस्जिदों और दारुल उल उलूम काे अपना नया ठिकाना बना रहे हैं। लोगों को इससे सचेत रहने की जरुरत है। शनिवार की सुबह चीवाकलां पुलवामा में मुठभेड़ में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के दोनों आतंकी एक दारुल उल उलूम में छिपे थे। इसी परिसर में एक मस्जिद भी है। गत वीरवार को बटपोरा पुलवामा में भी आतंकी जान बचाते हुए एक मस्जिद परिसर में दाखिल हो गए थे। आतंकी मस्जिद से सटे कमरे में छिपे हुए थे और वहीं से सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर रहे थे । विश्व प्रसिद्ध हजरतबल दरगाह में गुरुवार को पाकिस्तानी आतंकी हमजा ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। जवाबी कार्रवाई में हमजा मारा गया और उसके साथी भाग गए थे।
हमला कर मस्जिदों में छुपना पुरानी रणनीति
दरअसल हमला करके मस्जिदों और जियारतगाहों में छिपना आतंकियों की पुरानी रणनीति है। 370 के हटने के बाद से आतंकी अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पा रहे हैं साथ आतंकियों को स्थानीय लोगों को साथ भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में आतंकी अपनी पुरानी रणनीति पर लौट रहे हैंं। आंतंकी हमला कर मस्जिदों और जियारतगाहों में छिपने के पुराने तरीके अपना रहे हैं ताकि आतंकियों पर कार्रवाही करते हुए सुरक्षाबल अगर मस्जिदों पर फायरिंग करते हैं तो स्थानीय लोगों में आक्रोश पनप सकता है। जिसका फायदा आतंकी उठा सकते हैं।
आईजीपी विजय कुमार बोले धार्मिक स्थलों में आतंकियों को शरण न दे लोग
जम्मू और कश्मीर पुलिस के आईजीपी विजय कुमार ने कहा कि हम आतंकियों की नई साजिश से वाकिफ है। अपने पाकिस्तानी आकाओं के निर्देश पर आतंकी नई साजिश में जुट रहे हैं। उनका अनुमान है कि अगर मु़ठभेड़ के दौरान किसी धर्मस्थल नुकसान पहुंचता है तो ऐसी स्थिति में वह लोगों को भड़का कानून-व्यवस्था का संकट पैदा करने की अपनी साजिश में कामयाब हो जाएंगे। लोग भी आतंकियों की इस साजिश के बारे में जान चुके हैं। इस साजिश केा नाकाम बनाने के लिए हमने एक प्रभावी और व्यावहारिक रणनीति को अपनाया है। इसका नतीजा भी बीते तीन दिनों के दौरान देखा गया है। हमने धर्मस्थलों को नापाक कर रहे आतंकियों को मार गिराया और लोगों ने पूरा संयम बनाए रखा है। हमारी लाेगों व मजहबी नेताआओ से अपील है कि वह राष्ट्रविरोधी तत्वों को धर्मस्थलों को अपनी गतिविधियों का केंद्र न बनने दें।