नई दिल्ली- केंद्र सरकार के मंत्रीमंडल में जल्द फेरबदल हो सकता है। आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए कुछ नए चेहरे केंद्र की मोदी सरकार के मंत्रीमंडल में शामिल होने वाले हैं। सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि बजट सत्र से पहले ही केंद्र सरकार के मंत्रीमंडल में फेरबदल देखने को मिल सकता है। गुजरात चुनावों में बीजेपी छप्परफाड़ परफॉर्मेंस से खुश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के एक प्रमुख चेहरे को मंत्रीमंडल में बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं तो वहीं हिमाचल प्रदेश की हार से नाखुश प्रधानमंत्री हिमाचल से आने वाले केंद्र सरकार में मंत्री पद जाना तय माना जा रहा है।
18 से 25 जनवरी के बीच हो सकता है मोदी मंत्रीमंडल का पुनर्गठन
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी 16-17 जनवरी को है। 23 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। फरवरी में बजट सत्र भी शुरू होने वाला है, ऐसे में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बजट सत्र में संसद में होंगे तो अपने नए मंत्रीमंडल के साथ।
कौन हटेगा कौन बचेगा
मोदी मंत्रीमंडल में फेरबदल तय है यह तो साफ है। लेकिन किस मंत्री की कुर्सी छिन जाएगी ? और किस की बचेगी ? यह भी सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही जानते हैं। लेकिन अगर अनुमान लगाया जाए तो केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का मंत्री पद जाना तय है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश के जिस लोकसभा क्षेत्र से अनुराग ठाकुर सांसद चुनकर आए हैं वहां की 17 विधानसभा सीटों में से केवल भाजपा 5 ही सीट जीत पाई है। जबकि कांग्रेस 10 और 2 सीटें निर्दलीयों को खाते में गईं थी। अनुराग ठाकुर मोदी मंत्रीमंडल में हिमाचल के सबसे बड़े नेता के तौर पर देखे जा रहे थे। लेकिन विधानसभा चुनावों में उनका प्रभाव कहीं दिखाई नहीं दिया। भाजपा हिमाचल विधानसभा चुनावों में सुजानपुर विधानसभा सीट को भी नहीं बचा पाई जो उनकी परम्परागत सीट कहीं जाती है। अनुराग ठाकुर का खुद का घर भी सुजानपुर में है और उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल भी सुजानपुर से ही चुनाव लड़ते रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान को 9 राज्यों में होने आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए वापस पार्टी में भेजा जा सकता है तथा उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में मद्देनजर महत्वपूर्व जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा केंद्र सरकार में मंत्री और बिहार के आरा से सांसद पूर्व ब्यूरोक्रेट आर के सिंह का भी मंत्री पद जाना तय माना जा रहा है और उनके लिए नई जगह तलाशी जा रही है।
सीआर पाटिल को मिलेगा ईनाम
गुजरात चुनाव के रणनीतिकार माने जाने वाले सीआर पाटिल को दिल्ली में महत्वपूर्ण भूमिका दी जी सकती है। लेकिनअभी तक ये तय नहीं है कि उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण पद मिलेगा या कैबिनेट मंत्री बनाए जाएंगे।
कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना
केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रीमंडल में होने वाले फेरबदल अंतिम पुनर्गठन माना जा रहा है ,9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इन राज्यों को मंत्रीमंडल में भागीदारी दी जा सकती है। दक्षिण भारत पर भाजपा की नजर है ऐसे दक्षिण भारतीय राज्यों को हिस्सेदारी भी केंद्रीय मंत्रीमंडल में बढ़ाई जा सकती है। महिला, आदिवासी और पिछड़ो की भागीदारी मंत्रीमंडल में बढ़ाई जा सकती है।
इस साल कर्नाटक, तेलंगाना, मप्र-छग राजस्थान, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा में चुनाव हैं। भारतीय जनता पार्टी के सामने इनमें से 6 राज्यों में सरकार बचाने की चुनौती है। ऐसे में मंत्रिमंडल में वहां के नेताओं को प्रतिनिधित्व देने पर जोर रहेगा। सरकार की ओर से साफ संकेत हैं कि नॉन परफाॅर्मिंग मंत्रियों को ड्रीम टीम में स्थान नहीं मिलेगा।
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