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ढालपुर हिंसा: हाई कोर्ट का फैसला बेदखल 100 परिवारों को फिर से बसाने का आदेश

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कोर्ट ने सभी 100 परिवारों को दारंग के डिप्टी कमिश्नर के समक्ष आवेदन देने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि आवेदन मिलने के 6 माह के भीतर डिप्टी कमिश्नर को कार्रवाई करनी होगी।

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में सरकार को धालपुर के गोरुखुटी से बेदखल किए गए 100 परिवारों को फिर से बसाने का आदेश दिया है। कांग्रेस नेता और नेता विपक्ष देबब्रत सैकिया की याचिका पर हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। बता दें कि धालपुर के गोरुखुटी में साल 2021 में सरकार ने अवैध

अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की थी और हजारों बीघा कृषि भूमि से अवैध कब्जा हटाया था। इस दौरान हुई हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस दौरान करीब 700 परिवार विस्थापित हुए थे। इनमें से सरकार 600 परिवारों का पुनर्वास कर चुकी है। अब हाईकोर्ट ने बाकी बचे 100 परिवारों का भी पुनर्वास करने का आदेश दिया है।

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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराई गई जमीन पर कृषि फार्म स्थापित करे। कोर्ट ने कहा कि असम सरकार के वकील जे हांडिक ने बताया है कि करीब 700 परिवार प्रभावित हुए थे, जिनमें से 600 परिवारों को बसाया जा चुका है। बाकी बचे 100 परिवारों को अभी तक पुनर्वास नहीं हो सका है।

कोर्ट ने कहा कि इन 100 परिवारों का भी जल्द पुनर्वास किया जाना चाहिए। कोर्ट ने सभी 100 परिवारों को दारंग के डिप्टी कमिश्नर के समक्ष आवेदन देने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि आवेदन मिलने के 6 माह के भीतर डिप्टी कमिश्नर को कार्रवाई करनी होगी।

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बता दें कि असम सरकार ने राज्य कृषि परियोजना से संबंधित भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए साल 2021 में कार्रवाई की थी। इस दौरान जमकर बवाल हुआ था। अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई में बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए थे। इस कार्रवाई में करीब 4500 बीघा जमीन से अवैध कब्जा मुक्त कराया गया था। अवैध अतिक्रमण करने वाले लोगों में अधिकतर लोग पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान थे।

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