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यूपी: गोरखनाथ मंदिर हमले का दोषी मुर्तजा सीरिया भागने की फिराक में था, ISIS को करता था फंडिंग

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60 दिन तक चली सुनवाई के बाद गोरखनाथ मंदिर में हमला करने के दोषी को सजा का एलान हुआ है। कोर्ट ने धारा 121 आईपीसी के तहत इस मामले में दोषी को फांसी की सजा और पुलिस पर हमले के दोष में उम्रकैद की सजा सुनाई है।

गोरखनाथ मंदिर पर हमले का दोषी अहमद मुर्तजा अब्बासी आतंकी फंडिंग के साथ ही सीरिया जाने की तैयारी में भी जुटा था। कोर्ट के समक्ष अभियोजन पक्ष ने बताया कि एटीएस की जांच के दौरान सामने आया कि वह आईआईटी मुंबई से पढ़ा है। उसके वित्तीय लेने-देन के विश्लेषण से पता चला कि वह सीरिया से जुड़े आतंकी संगठन को फंडिंग भी कर रहा था।

वारदात के बाद सीरिया जाने की तैयारी में भी जुटा था। दोषी अहमद मुर्तजा अब्बासी के पास से भारी मात्रा में आईएसआईएस और अलकायदा सहित अन्य वैश्विक आतंकी संगठनों का भड़काऊ साहित्य भी बरामद किया गया था। जांच में यह भी सामने आया कि मुर्तजा आईएसआईएस की विचारधारा को मानता है और उसके लड़ाकों से भी उसका सीधा संपर्क था।

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आरोपी ने तीन अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर के एक नंबर गेट से बांके के साथ परिसर में घुसने की कोशिश की थी। रोकने पर पीएसी के सिपाही अनिल कुमार पासवान को घायल कर उसका सरकारी असलहा भी छीनने का प्रयास किया था। अन्य सुरक्षाकर्मियों द्वारा पकड़ने की कोशिश किए जाने पर उसने बांके से हमला कर धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नारे भी लगाए। इस पूरे मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई।

60 दिन में पूरी हुई सुनवाई
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि 60 दिन तक चली सुनवाई के बाद गोरखनाथ मंदिर में हमला करने के दोषी को सजा का एलान हुआ है। कोर्ट ने धारा 121 आईपीसी के तहत इस मामले में दोषी को फांसी की सजा और पुलिस पर हमले के दोष में उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह दर्शाता है कि इस मामले में पुलिस की जांच सही थी।

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इन मामलों में मुर्तजा को हुई सजा

  • एसआईटी की विशेष कोर्ट ने आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को देश के खिलाफ  युद्ध करने के आरोप में मृत्युदंड और 10 हजार रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई।
  • धारा 307 के तहत जानलेवा हमले के मामले में आजीवन कारावास और पांच हजार का जुर्माना।
  • 153 क आईपीसी में धर्म व भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाने, अमन चैन बिगाड़ने के आरोप में 5 वर्ष का कारावास और 2 हजार रुपये जुर्माना।
  • 186 आईपीसी के तहत लोकसेवक के सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वहन में स्वेच्छापूर्वक बाधा डालने में तीन माह का कारावास।
  • 332 आईपीसी में किसी लोकसेवक को उसके कर्तव्यों को करने से रोकने, भयभीत करने व नुकसान या चोट पहुंचाने के आरोप में तीन साल की कैद।
  • 333 आईपीसी में ड्यूटी पर तैनात लोकसेवक के जीवन को संकट में डालने के लिए गंभीर रूप से घायल करने के आरोप में तीन साल की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना।
  • 394 आईपीसी में लूट करने या लूट करने के प्रयास में किसी को चोट पहुंचाने के आरोप में 10 साल की कैद और 5 हजार रुपये का जुर्माना।
  • 4/25 आर्म्स एक्ट में धारदार अवैध हथियार रखने के आरोप में 3 साल की कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना।
  • 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के आरोप में 3 माह की कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना।
  • विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम की धारा 16, 20 और 49 में दोषी पाए जाने पर 10-10 वर्ष की कैद और 5-5 हजार रुपये का जुर्माना।

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