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Punjab: श्रीलंका से घूमकर अडाणी के पोर्ट से पंजाब पहुंचेगा कोयला

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Punjab: आप का कहना है कि रेल द्वारा सीधे परिवहन की बजाय केंद्र सरकार ने दाहेज/मुंद्रा बंदरगाह से कोयले की ढुलाई का फैसला लिया है। भाजपा पंजाब में मान सरकार के काम से बौखला गई है और पंजाब की प्रगति में बाधाएं खड़ी करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रही है।

पंजाब के थर्मल प्लांटों तक पूर्वी भारत की पछवारा खदान से पहुंचने वाला कोयला अब श्रीलंका से घूमकर पहले पश्चिमी भारत में मुंद्रा बंदरगाह तक लाया जाएगा और वहां से रेल के जरिए पंजाब तक पहुंचाया जाएगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से पीएसपीसीएल को जो पत्र भेजा गया है, उसमें आरएसआर रूट का खाका भी खींच दिया गया है। पंजाब के लिए खदानों से कोयला रेल के माध्यम से पारादीप पोर्ट और वहां से मुंद्रा पोर्ट पहुंचेगा, फिर मुंद्रा पोर्ट से रेल के जरिए पंजाब के थर्मल प्लांटों तक लाया जाएगा। मुंद्रा पोर्ट का परिचालन अडाणी ग्रुप के पास है।

पंजाब के थर्मल प्लांटों तक पहुंचने वाले कोयले की ढुलाई तीन गुना तक बढ़ जाने की दलीलों को दरकिनार करते हुए केंद्रीय उर्जा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि खदानों से पंजाब तक कोयले की ढुलाई रेल-शिप-रेल (आरएसआर) रूट से ही की जाएगी। केंद्र के इस फैसले ने पंजाब में सियासी शक्ल भी लेनी शुरु कर दी है। आम आदमी पार्टी के अलावा कांग्रेस ने भी इस फैसले की आलोचना की है।

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मंत्रालय ने अपने फैसले को सही ठहराने के लिए पीएसपीसीएल को भेजे पत्र में गत 16 नवंबर की उस बैठक का हवाला दिया है, जिसमें पीएसपीसीएल के अधिकारी मौजूद थे और उन्होंने आरएसआर सिस्टम को पंजाब के लिए महंगा करार देते हुए केवल रेल रूट से कोयले की ढुलाई करने का आग्रह किया था। मंत्रालय ने कोयला मंत्रालय से देश में कोयले की स्थिति पर मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएसपीसीएल की इस मांग को दरकिनार कर दिया है और आरएसआर सिस्टम ही अपनाने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश मंत्रालय द्वारा इस आदेश को इस साल जनवरी से प्रभावी किया गया है।

केंद्र के फैसले पर राजनीति गरमाई
पंजाब के थर्मल प्लांटों तक कोयले की रेल-शिप-रेल रूट से ढुलाई के केंद्र के फैसले की आम आदमी पार्टी (आप) ने कड़ी निंदा की है। वहीं आनंदपुर साहिब से कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने भी केंद्र पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

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आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र के फैसले को अतार्किक करार देते हुए कहा है कि इससे राज्य पर तीन गुना अधिक वित्तीय बोझ पड़ेगा। आप के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने बुधवार को कहा कि भाजपा की सरकार अदाणी ग्रुप के हितों की रक्षा के लिए पंजाब के लोगों पर बोझ डाल रही है। उन्होंने कहा कि रेल द्वारा सीधे परिवहन की बजाय केंद्र सरकार ने दाहेज/मुंद्रा बंदरगाह से कोयले की ढुलाई का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा पंजाब में मान सरकार के काम से बौखला गई है और पंजाब की प्रगति में बाधाएं खड़ी करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि मान सरकार ने पंजाब के लोगों को सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए पिछले साल दिसंबर में पछवारा केंद्रीय कोयला खदान से कोयले की आपूर्ति दोबारा शुरू कराई है लेकिन केंद्र सरकार के ताजा फैसले से पंजाब पहुंचने वाले कोयले की ढुलाई तीन गुना महंगी हो जाएगी।

दूसरी ओर, श्री आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने केंद्रीय बिजली मंत्री से सवाल किया है कि पंजाब के लोगों को प्रति यूनिट अधिक भुगतान क्यों करना पड़ेगा क्योंकि उनके मंत्रालय ने पंजाब के लिए कोयले को सीधे रेल द्वारा लाए जाने के बजाय पूर्वी भारत से पश्चिमी भारत में अदाणी की बंदरगाहों तक भेजने का आदेश दिया है। तिवारी ने ट्वीट कर कहा- यदि आप पूर्वी भारत से पंजाब में कोयला लाना चाहते हैं तो पहले इसे समुद्र के रास्ते श्रीलंका के ऊपर से पश्चिमी तट पर दाहेज/मुंद्रा बंदरगाहों तक ले जाएं और फिर रेल द्वारा पंजाब ले जाएं। लागत- सीधी रेल से तीन गुना अधिक। दाहेज/मुंद्रा का मालिक कौन है? अदाणी।

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