Thejantarmantar
Latest Hindi news , discuss, debate ,dissent

- Advertisement -

कहां से आया हिंदू राष्ट्र का विचार, इस समय क्यों है चर्चा में, क्या कहता है संविधान?

0 37

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Advertisement -

बीते कुछ दिनों से हिन्दू राष्ट्र की चर्चा जोरों पर है। कोई कह रहा है कि भारत हिन्दू राष्ट्र था, हिन्दू राष्ट्र है और हिन्दू राष्ट रहेगा। कोई हिन्दुस्तान को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए यज्ञ कर रहा है। वहीं, कुछ लोग इस पूरे अभियान पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि देश संविधान से चलेगा।

आखिर अचानक हिन्दू राष्ट्र की चर्चा क्यों जोरों पर है? इसे लेकर कहां यज्ञ हो रहा है? इसके पक्ष-विपक्ष में किसने क्या कहा है? देश में हिन्दू राष्ट्र का विचार कहां से आया? संविधान में राष्ट्र को लेकर क्या कहा गया है? भारत अगर हिन्दू राष्ट्र बनता है तो उसमें अल्पसंख्यकों के लिए क्या जगह होगी? आइये जानते हैं

हिन्दू राष्ट्र की चर्चा क्यों जोरों पर है?

बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री नागपुर में अंधिवश्वास फैलाने के आरोप लगने पर चर्चा में आए। इसके बाद उनसे जुड़ी कई खबरें सामने आईं। शास्त्री भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात करते रहे हैं। अब उन्होंने बागेश्वर धाम में इसके लिए यज्ञ शुरू किया है। ये यज्ञ सात दिन चलेगा। धीरेंद्र शास्त्री के इस आयोजन में कई राजनीतिक हस्तियां पहुंच चुकी हैं। यज्ञ शुरू होने से पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बागेश्वर धाम पहुंचे। इसके बाद भाजपा सांसद मनोज तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी बागेश्वर धाम पहुंचे। ये सिलसिला यहीं नहीं रुका। गुरुवार को शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी बागेश्वर धाम पहुंचकर हाजिरी लगाई।

तो क्या सभी नेताओं ने हिन्दू राष्ट्र के लिए हो रहे यज्ञ का समर्थन किया?

- Advertisement -

यज्ञ से ऐन पहले बागेश्वर धाम पहुंचे कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बागेश्वर धाम में तो आस्था जताई पर हिन्दू राष्ट्र के लिए हो रहे यज्ञ से कमलनाथ और कांग्रेस ने किनारा कर लिया। वहीं, मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यहां पहुंच कर कहा, ‘हिन्दुत्व का मतलब कोई जाति या धर्म नहीं होता है। भारत सभी जातियों और सभी धर्मों को लेकर आगे चलना चाहता है। सभी चाहते हैं कि देश में राम राज्य की स्थापना हो। उस आदर्श राम राज्य की कल्पना करना गलत नहीं है।’ वहीं, सांसद मनोज तिवारी ने यहां पहुंचकर भजन गाकर समा बांधा। मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा भी बागेश्वर धाम पहुंचे। जलोटा ने कहा कि भारत में हिन्दू ज्यादा हैं, इसलिए इसे हिन्दू राष्ट्र घोषित होना चाहिए। कथावाचक से मिलने पहुंचे भाजपा सांसद ने भी उनकी बातों का समर्थन किया और कहा कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सत्य सनातन को होगी आगे बढ़ाते रहें हिंदू राष्ट्र पर उनके विचार बेहद ही अच्छे हैं।

क्या हिन्दू राष्ट्र को लेकर सारी हलचल बागेश्वर धाम में ही हो रही है?

ऐसा नहीं है। बागेश्वर धाम में चल रहे यज्ञ के साथ सियासी गलियारों में भी इसे लेकर बहस जारी है। भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, “सनातन धर्म राष्ट्र धर्म है। राम राष्ट्र हैं और राष्ट्र राम हैं। इसलिए सनातन धर्म ही सबकुछ है। ये हमारा देश हिन्दू राष्ट्र बनकर रहेगा।” प्रज्ञा ठाकुर तो वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड बनाने की भी मांग करती हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हिन्दू राष्ट्र को लेकर अक्सर बयान देते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने ट्वीट किया कि भारत हिन्दू राष्ट्र है, क्योंकि भारत का हर नागरिक हिन्दू है। उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि भारत हिन्दू राष्ट्र था, हिन्दू राष्ट्र है और आगे भी राष्ट्र रहेगा। इससे पहले 27 जनवरी को योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में कहा कि सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है।

इसका विरोध करने वालों का क्या कहना है?

- Advertisement -

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिन्दू राष्ट्र को लेकर चल रही बहस पर सवाल पूछा, ‘क्या आप अंबेडकर के संविधान को जला देंगे, जलाकर नया संविधान बनाएंगे क्या?’ उन्होंने कहा कि हमारा देश एक ऐसा देश है जिसका कोई मजहब नहीं है। इस तरह की बातों पर सरकारें क्यों खामोश हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं। इस तरह की बात करने वाले देश को खत्म करना चाहते हैं।

हिन्दू राष्ट्र का विचार कैसे आया?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर अक्सर आरोप लगते हैं कि यह संगठन भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता है। कहा जाता है कि अपनी स्थापना से ही यह संगठन हिन्दू राष्ट्र को पुन: प्राप्त करने के लिए काम कर रहा है। इसके लिए इस संगठन से जुड़े लोग जमीनी स्तर पर काम भी करते हैं।

आरोप लगता है कि इसकी शाखाओं में हिन्दुओं की मानसिकता बदलने के लिए काम होता है। ये प्रयास 1925 से चल रहा है। इतिहासकार कहते हैं कि 1925 में आरएसएस की स्थापना के दौर में उस वक्त प्रभावी विचारक विनायक दामोदर सावरकर ने इसके बारे में लिखा है। सावरकर की किताब ‘हिंदुत्व: कौन है हिन्दू’ इसके बारे में लिखा गया है। उन्होंने अपनी किताब ‘एसेंशियल्स ऑफ हिंदुत्व’ में भी इस बारे में लिखा है।

सावरकर के मुताबिक हिंदुत्व हिंदू धर्म से कहीं ज्यादा है। इस दर्शन को केवल हिंदू आस्था तक नहीं बांधा जा सकता। उन्होंने कहा था कि भारत में पैदा होने वाले मुसलमान और ईसाई तीन आवश्यक तत्वों राष्ट्र (देश), जाति (नस्ल) और संस्कृति (कल्चर) को हासिल नहीं कर सकते हैं। ये तीनों हिंदुत्व के आवश्यक तत्व हैं। इसलिए हिन्दू ही हिन्दू राष्ट्र के हैं, एक ऐसे राष्ट्र के जो प्राचीन काल में भी अस्तित्व में था। हालांकि, सावरकर के इन विचारों को लेकर भी इतिहासकार बंटे रहे हैं।

संविधान में राष्ट्र को लेकर क्या कहा गया है?

संविधान के मुताबिक भारत एक पंथनिर्पेक्ष राष्ट्र है। संविधान में कहीं भी ‘हिंदू राष्ट्र’ शब्द का उल्लेख नहीं मिलता है। हालांकि, अनुच्छेद 25 (2बी) में केवल ‘हिंदू’ शब्द का जिक्र मिलता है। मौलिक अधिकारों के पृष्ठ के ऊपर भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के लंका में जीत के बाद अयोध्या लौटने का एक दृश्य है। राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के पृष्ठ में कुरुक्षेत्र में कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का ज्ञान देने का एक दृश्य है। इसके अलावा अशोक और विक्रमादित्य के दरबार के दृश्य भी हैं।
1976 में संविधान के 42वें संशोधन के माध्यम से संविधान की प्रस्तावना में ‘पंथनिर्पेक्ष’ शब्द को जोड़ा गया था। पंथनिर्पेक्ष शब्द को आमतौर पर धर्मनिर्पेक्ष के रूप में ही समझा जाता है जिसका मतलब होता है कि संविधान किसी भी धर्म या पंथ का समर्थन नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि ‘धर्मनिरपेक्षता’ संविधान का अभिन्न अंग है।

भारत हिन्दू राष्ट्र में अल्पसंख्यकों के लिए क्या जगह होगी?

अक्सर हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों से सवाल किया जाता है कि हिंदू राष्ट्र में अल्पसंख्यकों के लिए क्या जगह होगी? इसी का विस्तार करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हिंदू कोई मजहब या संप्रदाय नहीं है। यह एक सांस्कृतिक शब्दावली है, जो हर नागरिक पर फिट बैठती है।’

बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री से जब पूछा गया कि ‘हिंदू राष्ट्र की मांग पाकिस्तान जैसी कट्टरता नहीं है’, धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब दिया ‘पाकिस्तान वाले भी हिंदू ही हैं। जैन और बौद्धों को लेकर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जैन और बुद्ध भी हमारी आत्मा हैं।

- Advertisement -

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More