Thejantarmantar
Latest Hindi news , discuss, debate ,dissent

- Advertisement -

कोयला खदान से मिला मिलावटखोरी:खनिज विभाग और पुलिस की मिलीभगत से चल रहा खेल, कर्मचारी सहित 4 गिरफ्तार

0 165

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Advertisement -

कोरबा कोयला खदान के खदानों से निकलने वाले कोयलों में बिलासपुर और मुंगेली जिले में मिलावटखोरी का खेल चल रहा है। यहां कोल डिपो की आड़ में कोयले में धड़ल्ले से मिलावट की जा रही है। पूरा काम खनिज विभाग और पुलिस की सेटिंग से चल रहा है। यही वजह है कि रायपुर से आकर पुलिस ने डिपो संचालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

कोरबा के गेवरा, कुसमुंडा के खदानों से निकल रहे कोयलों का परिवहन फैक्ट्रियों में होता है। इसके साथ ही कोलवाशरी के लिए भी कोयले की सप्लाई होती है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा कोल डिपो में अवैध रूप से खपाने का अवैध कारोबार है, जहां रोज 10 लाख रुपए से अधिक की कालाबाजारी चलती है।

दरअसल, कोरबा जिले के पाली के बाद से बेलतरा, रतनपुर, बगदेवा, पेंड्रवा, लोखंडी, सकरी बाइपास सहित रायपुर रोड में हिर्री और मुंगेली जिले के सरगांव, बैतलपुर, किरना सहित आसपास 30 से अधिक कोल डिपो है, जहां कोयला डंप करने की आड़ में मिलावट किया जा रहा है।

ऐसे चलता है अवैध कारोबार

खनिज विभाग से कोल डिपो के लिए लाइसेंस जारी होता है। लाइसेंस की शर्तों में कोल डिपो संचालक को एक निर्धारित मात्रा में कोयले का भंडारण करने का अधिकार होता है और रोज का हिसाब भी रखना होता है। लेकिन, कोल डिपो संचालक अपने मैनेजर और कर्मचारियों के माध्यम से खदानों से कोयला लेकर जाने वाली ट्रक, ट्रेलर चालकों से मिलीभगत कर उच्च क्वालिटी के कोयले अपने डिपो में गिरवा देते हैं

- Advertisement -

और उसके बदले में घटिया और निम्न क्वालिटी का कोयला मिलाकर ट्रकों में लोड कर रवाना कर देते हैं। कई डिपो में इसके लिए बकायदा बजरी गिट्‌टी और कोयले का चूरा भंडारण कर रखा गया है।

ट्रक चालक ही नहीं ट्रांसपोर्टर की भी रहती है मिलीभगत

- Advertisement -

जानकार बताते हैं कि कोयले के मिलावट इस अवैध कारोबार में डिपो संचालक सीधे ट्रांसपोर्टर से ही मिलीभगत कर लेते हैं। आमतौर पर ट्रांसपोर्टर किसी कंपनी या फिर कोलवाशरी का कोयला परिवहन करने के लिए आर्डर लेते हैं। संबंधित ठिकानों तक जाने पर कोयले का तौल होता है

उसकी क्वालिटी की रोज जांच नहीं होती। जिसके कारण कोयले मिलावट कर अच्छी क्वालिटी के कोयले की जगह मिलावट कोयले को ट्रकों में लोड कर भेज दिया जाता है।

चार में पुलिस ने नहीं की छापेमारी, रायपुर पुलिस ने डिपो संचालक समेत चार को पकड़ा

पहले कोयले में मिलावटखोरी के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए खनिज विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम छापेमारी करती थी। लेकिन, पिछले चार साल से पुलिस ने एक बार भी किसी कोल डिपो की जांच नहीं की और न ही खनिज विभाग के अफसर स्टॉक की जांच करने पहुंचे।

यही वजह है कि कोल डिपो संचालक बेखौफ होकर अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।तीन दिन पहले रायपुर के सिलतरा स्थित एपीआई इस्पात के लिए पहुंची कोयले की जांच कराई गई, तब लैब टेस्ट में घटिया क्वालिटी का कोयला मिला। इस पर प्लांट के सुपरवाइजर ने ट्रक चालक विकास सिंह एवं वीरेंद्र सिंह से पूछताछ की,

तब उन्होंने बताया कि बिलासपुर के सुजीत सिंह ने कोयले को सरगांव स्थित छोटू बैस के कोल डिपो में बुलाया, वहां अच्छी क्वालिटी का कोयला खाली कराकर घटिया क्वालिटी का दूसरा कोयला ट्रक में लोड कराया गया। इस पूरे मामले की शिकायत धरसीवां पुलिस से की गई।

इसके कोयला खदान बाद पुलिस ने ट्रक मालिक सुजीत सिंह, कोल डिपो संचालक छोटू बैस, ट्रक चालक विनोद कुमार, विकास कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

- Advertisement -

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More