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पंजाब में बदलेगी शराब दिल्ली में CBI की कार्रवाई के बाद देसी शराब का कोट बढ़ाने की तैयारी में मान सरकार

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पंजाब में सुपर एल-1 बनाने से शराब 10 फीसदी महंगी बिकी थी लेकिन दिल्ली में धरपकड़ के बाद पंजाब में नई पॉलिसी में सुपर एल-1 को खत्म करने का प्रपोजल अधिकारियों ने दिया है। जिससे शराब मार्केट में 10 फीसदी सस्ती मिल सकती हैदिल्ली में सीबीआई की शराब घोटाले पर जबरदस्त कार्रवाई से पंजाब के अधिकारी सकते में हैं और दिल्ली की तर्ज पर बनाई गई आबकारी नीति में बदलाव करने की तैयारियां की जा रही है। ऐसी उम्मीद है कि पंजाब सरकार आने वाले वित्त वर्ष की आबकारी नीति में एल-1 की प्रकिया में बदलाव कर सकती है।

शराब पर एकाधिकार को खत्म करने के लिए अधिकारियों ने सरकार को प्रपोजल बनाकर दिया है। जैसे ही मौजूदा नीति में सुपर एल-1 धारक के पास ही कंपनियों की शराब बेचने का एकाधिकार है। प्रपोजल दिया गया है कि हरेक शराब फैक्टरी के लिए एक से अधिक डिस्ट्रिब्यूटर को लाइसेंस दिया जाए।

पंजाब में सुपर एल-1 बनाने से शराब 10 फीसदी महंगी बिकी थी लेकिन दिल्ली में धरपकड़ के बाद पंजाब में नई पॉलिसी में सुपर एल-1 को खत्म करने का प्रपोजल अधिकारियों ने दिया है। जिससे शराब मार्केट में 10 फीसदी सस्ती मिल सकती है। इसके अलावा ठेकेदारों की तरफ से सरकार को एक प्रपोजल भेजा गया है

कि 30-30 करोड़ के ग्रुप को खत्म किया जाए क्योंकि 30 करोड़ का ग्रुप लेना किसी छोटे ठेकेदार के बस का नहीं है। क्योंकि कोटा खत्म कर ओपन शराब की खरीद होने से ठेकेदार घाटे में जा सकते हैं और पंजाब में छोटे प्लेयर सड़कों पर आ जायेंगे। हालांकि सरकार इस नियम को बदलने की पक्षधर नहीं है।

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पंजाब सरकार की तरफ से पिछले साल सुपर एल-1 की पॉलिसी बनाकर 9600 करोड़ का राजस्व शराब से एकत्रित करने की योजना बनाई थी और सरकार का राजस्व इसके करीब पहुंच रहा है। जनवरी तक 7200 करोड़ रुपये सरकार के पास आबकारी विभाग से आ चुका है।

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सत्ता पक्ष के नेताओं व सरकार के लिए राहत की बात यह है कि पिछले सालों के मुकाबले 3 हजार करोड़ का अधिक राजस्व पंजाब सरकार को मिलने की उम्मीद है।

इसलिए सरकार दिल्ली की तर्ज पर बनायी गई पॉलिसी में अधिक बदलाव करने की पक्षधर नहीं है। मंथन किया जा रहा है कि शराब के ग्रुप 30-30 करोड़ के ही रहने दिये जाएं और सिर्फ एल-1 में बदलाव किया जाए।

पंजाब के आबकारी व वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि सूबे में 3 हजार करोड़ का अधिक राजस्व आबकारी विभाग में बढाने का श्रेय आप सरकार को जाता है। इसका मतलब है कि हमारी पॉलिसी अच्छी थी। हम इसी माह नई पॉलिसी लाने की तैयारी कर रहे हैं।

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