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गोरखपुर का हाल: जिनके लिए बना स्टेडियम, उन्हें ही अंदर नहीं जाने दे रहे

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गोरखपुर क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर ने कहा कि खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति है। इसके लिए कोई रोक टोक नहीं है। खिलाड़ियों को स्टेडियम में क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है इसकी जांच की जाएगी।गोरखपुर जिले के रसूलपुर चकिया ग्रामसभा में खेल स्टेडियम बनाया तो खिलाड़ियों के लिए गया था,

लेकिन अब वही उसमें प्रवेश भी नहीं कर पा रहे हैं। विभाग की ओर से न तो खेल की गतिविधियां शुरू की जा रही हैं, न क्षेत्र के युवाओं को खेलने के लिए स्टेडियम के अंदर जाने दिया जा रहा है।

स्टेडियम के सुरक्षाकर्मी का कहना है कि किसी को भी अंदर नहीं जाने देने का ऊपर से आदेश है। जबकि, खेल विभाग के अधिकारी कहते हैं कि खिलाड़ियों के खेलने के लिए कोई मनाही नहीं है।

दरअसल, रसूलपुर चकिया ग्रामसभा में 10 करोड़ 16 लाख 22 हजार रुपये से महंत अवेद्यनाथ स्टेडियम बनाया गया है। बीते वर्ष 26 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका लोकार्पण किया था।

करीब चार एकड़ में अत्याधुनिक स्टेडियम बनने पर क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। आसपास के गांवों के लोग यह सोचकर खुश हुए थे कि उनके बच्चे अब खेलकूद में अपनी प्रतिभा निखार सकेंगे। साथ ही सेना और पुलिस भर्ती के लिए फिजिकल तैयारी भी कर सकेंगे।

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लोगों की शिकायत है कि स्टेडियम की सुरक्षा में तैनात गार्ड खिलाड़ियों को अंदर जाने की अनुमति नहीं देता है। उसका कहना होता है कि ऊपर से आदेश है कि किसी को अंदर नहीं जाने देना है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्टेडियम में खेलने के लिए कई बार खेल विभाग के अधिकारियों से अनुरोध किया गया, लेकिन अनुमति नहीं मिली। यदि स्टेडियम में खेलकूद की अनुमति मिले तो जंगल कौड़िया, भरोहिया, कैंपियरगंज, पिपराइच आदि ब्लॉकों के खिलाड़ियों को लाभ होगा।

क्षेत्रीय नागरिक मनोज कुमार साहनी ने कहा कि गांव में पूरे जिले का सबसे अच्छा रनिंग ट्रेक होने के बावजूद खिलाड़ियों को गोरखपुर सोनौली मार्ग पर दौड़ना पड़ता है। इस कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

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क्षेत्रीय नागरिक मुकेश पाल ने कहा कि गांव में स्टेडियम बना तो खुशी हुई, परंतु लोकार्पण हुए महीनों बीत गए फिर भी स्टेडियम में खेलने का मौका नहीं मिला। इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है।

धावक रवि ने कहा कि विभिन्न माध्यम से कई बार विभाग के अफसरों को खिलाड़ियों की समस्या से अवगत कराया जा चुका है, फिर भी दौड़ने और खेलने के लिए स्टेडियम नहीं खोला जा रहा है।

धावक अभिषेक ने कहा कि यदि स्टेडियम में खेलने कूदने का मौका दिया जाए तो निश्चित तौर पर आसपास के खिलाड़ी खेल में आगे बढ़ेंगे और देश व जिले का नाम रोशन करेंगे।

गोरखपुर क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर ने कहा कि खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति है। इसके लिए कोई रोक टोक नहीं है। खिलाड़ियों को स्टेडियम में क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है इसकी जांच की जाएगी।

प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी सिंह ने कहा कि स्टेडियम का निर्माण कराना हमारा काम था, उसे पूरा करके संबंधित विभाग को सौंपा जा चुका है। सीएम ने स्टेडियम का लोकार्पण भी किया है। यदि खिलाड़ी खेलकूद नहीं पा रहे हैं, तो खेल विभाग जिम्मेदार है।

विधायक फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि स्टेडियम मुख्यमंत्री की ओर से खिलाड़ियों और नवयुवकों के लिए उपहार है। अगर किसी प्रकार की कोई कमी आ रही है तो निरीक्षण करके इसे दूर किया जाएगा। सोमवार को क्षेत्र में आएंगे और संबंधित अधिकारियों से बात कर खिलाड़ियों को स्टेडियम की सुविधा मुहैया कराएंगे।

स्टेडियम में ये सुविधाएं उपलब्ध

स्टेडियम में ये सुविधाएं उपलब्धस्टेडियम में 250 व्यक्तियों के बैठने के लिए पवेलियन, 300 मीटर का आठ लेन सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 15 गुणे 15 मीटर का कुश्ती ग्राउंड, सभागार में दो ग्रीन रूम, दो रिहर्सल रूम, एक वीवीआईपी रूम, बैडमिंटन और टेबल टेनिस हाल, पुरुष, महिला और दिव्यांग के लिए प्रसाधन की सुविधा है।

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