विपक्ष में दरार फिर कैसे होगी बीजेपी की हार
पटना- 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा विरोधी दलों में अपनी कमर कस ली है। गैर भाजपाई दलों का महाजुटान पटना में हुआ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस महाजुटान के कारक रहे। लेकिन जैसे दावे किए जा रहे थे वैसा महाजुटान नहीं हुआ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पटना पहुंचे जरूर थे लेकिन प्रेस कांन्फ्रेंस में नजर नहीं आए। जानकारों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल को जिस तवज्जो आशा थी वह विपक्षी नेताओं ने नहीं दी। राहुल गांधी ने केजरीवाल को कोई भाव नहीं दिया। अध्यादेश पर केजरीवाल को कांग्रेस और अन्य पार्टियों से कोई अपेक्षा अनुसार जवाब नहीं मिला। सूत्रों का कहना है कि इस महाजुटान में केजरीवाल और राहुल गांधी के बीच तीखी बहस भी हुई। उमर अब्दुल्ला ने भी अनुच्छेज 370 का समर्थन करने के लिए केजरीवाल को खूब खरी खरी सुना दी। जिससे नाराज केजरीवाल भगवंत मान के साथ पटना से जल्दी निकल भागे। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में सपा की सहयोगी जंयत चौधरी भी बैठक में शामिल नहीं हुए। कहा जा रहा है आजकल सपा और रालोद में तनातनी का दौर है। औवेसी और मायावती को पहले ही इस गठबंधन में शामिल होने का न्यौता नहीं मिला है। लेकिन खबरें तो यह भी कह रही है कि अखिलेश यादव को काबू में रखने के लिए कांग्रेस मायावती और जयंती चौधरी के साथ पीगें बढ़ा रही है। चौटाला परिवार, चंद्रबाबू नायडू, जगन मोहन रेड्डी , केसीआर किस पाले में जाएंगे यह भी नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में 2024 में यह सब कैसे बीजेपी को टक्कर दे पाएंगे यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल भानूमति का यह कुनबा जुड़ता हुआ नहीं दिख रहा है।