क्या है GE-F414 इंजन और क्यों जरुरी है भारत के लिए
नई दिल्ली-प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा जिन दो डील की सबसे ज्यादा चर्चा है उनमें एक है प्रीडेटर ड्रोन और दूसरे हैं GE-F414 इंजन। यह इंजन भारत के लिए कितना जरुरी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इन इंजन की डील प्रधानमंत्री मोदी की प्रयोरिटी में शामिल थी। भारत को इस इंजन की जरूरत अपने चौथी पीढी के फायटर प्लेन तेजस मार्क -2 के लिए हैं। चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों के घिर भारत को लडाकू विमानों की सख्त जरूरत है। भारत में निर्मित तेजस को इस इंजन की मदद से शाक्तिशाली बनाया जा सकता है फिलहाल तेजस में इसी अमेरिकी कम्पनी के 50 साल पुराने इंजन का प्रयोग हो रहा है। लेकिन यह नया इंजन तेजस की क्षमताओं को कई गुना बढ़ा देगा।
GE-F414 इंजन क्या है
इस इंजन को अमेरिका की मल्टिनेशनल कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) तैयार करती है। ये इंजन एक टर्बोफैन इंजन है, जो हल्का होता है। इस इंजन का इस्तेमाल अमेरिका की नेवी कर रही है। पिछले 30 सालों से GE-F414 इंजन अपने ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। ये काफी जांचा-परखा इंजन है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका सहित कई देशों में हो रहा है।
इसके प्रदर्शन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस इंजन ने अब तक 50 लाख से अधिक घंटे की उड़ान भरी है। इसे बनाने वाली कंपनी अब तक 1600 से अधिक इंजन बना चुकी है, जिसका फाइटर जेट्स में इस्तेमाल हो रहा है।
भारत होगा शक्तिशाली देशों में शुमार
GE-F414 इंजन टेक्नोलॉजी मिलने से अब भारत उन शक्तिशाली देशों में शुमार हो जाएगा, जिसके पास इस समय ये टेक्नोलॉजी मौजूद हैं। इस इंजन को भारत अपने हल्के लड़ाकू विमान तेजस में इस्तेमाल करेगा। इस तकनीक से भारत अब चीन और पाकिस्तान को भी पीछे छोड़ देगा।
भारत का स्वदेशी इंजन कावेरी अभी तैयार नहीं है।
इतना ही भारत कावेरी नाम से अपना भी इंजन बना रहा है लेकिन कावेरी अभी पूरी तरह से तैयार नहीं है, कई बार परिक्षणों के बावजूद भी यह इंजन अभी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सकता है। इसलिए भारत को लडाकू विमानों के इंजन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।