यूनिफॉर्म सिविड कोड समय की मांग, भारतवर्ष फाउंडेशन ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में किया राउंड टेबल डिस्कशन
दिल्ली- भारतवर्ष फाउंडेशन ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड- समय की मांग’ पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया, कार्यक्रम में विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के नेताओं समेत सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने अपने अपने विचार रखे ।
यूनिफॉर्म सिविल कोड देश की जरूरत
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारा संविधान हमे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का निर्देश देता है लेकिन पूर्व में रही सरकारों ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया है, भारत सरकार का लॉ कमीशन देशवासियों से अभी इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनकी राय मांग रहा है ।
यूनिफॉर्म सिविल कोड किसी के खिलाफ नहीं- डॉ एसके दत्ता
प्रसिद्ध टीवी पैनलिस्ट डॉ एसके दत्ता ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि यह भारत की एकता और अखंडता को और भी मजबूत करेगा, किसी समुदाय के खिलाफ बता कर यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में देश में कुछ लोग भ्रांतियां फैलाने का कार्य कर रहे हैं ।
कांग्रेस यूसीसी के खिलाफ नहीं, पर पहले मसौदा रखे सरकार
कांग्रेस नेता चंद्र मोहन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ नहीं लेकिन कांग्रेस की मांग है कि इसका मसौदा पहले आम जन मानस के सामने रखा जाए वहीँ मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि मुस्लिम समाज का पढ़ा लिखा एवम जागरूक वर्ग यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ नहीं है और मुस्लिम समाज से सम्बंधित कुछ लोग समाज के एक बड़े वर्ग को बरगलाने का कार्य रहे हैं जो कि मुस्लिम समुदाय के हित में नही है ।
वहीं कार्यक्रम में शामिल अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों भी अपने अपने विचार रखते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की वकालत की ।
सरकार की टाइमिंग पर सवाल
वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार राजनैतिक हितों को साधने के लिए इस मुद्दे का हवा दे रही है, भारत विभिन्न समुदाय और संस्कृतियों का देश है ऐसे में भारत जैसे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को कैसे लागू किया जाएगा इस पर बहुत गहनता से मंथन करने की आवश्यकता है ।
देश के जाने माने मानवाधिकार पक्षकार राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि भारत का संविधान समानता की बात करता है और यूनिफार्म सिविल कोड उसी दिशा में एक कदम है , इसे किसी धर्म या संप्रदाय के विरुद्ध नहीं देखा जाना चाहिये ।
सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवम क़ानून के जानकार सम्भ्रांत कृष्ण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इस कानून का मसौदा तैयार कर देशवासियों के बीच में रखना चाहिए ताकि देश भर में छिड़ी अनर्गल बहसों पर लगाम लग सके और सच से आम जन मानस भी अवगत हो सके ।
भारतवर्ष फाउंडेशन के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार एवम राजनैतिक विश्लेक राहुल तालान ने कहा कि इस कार्यक्रम में आए विचारों की एक रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार के लॉ कमीशन को भेजी जाएगी ।
कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल, भाजपा नेता एवम पूर्व डीआईजी राजस्व सच्चिदानंद राय, प्रसिद्ध टीवी पैनलिस्ट डॉ एसके दत्ता,प्रसिद्ध टीवी पैनलिस्ट प्रेम कुमार, कांग्रेस नेता चंद्रमोहन शर्मा, व्यवसाई सत्यदेव चौधरी, मुफ्ती शमून कासमी, वरिष्ठ पत्रकार विनोद शुक्ला, कुमार श्रीकांत, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सम्भ्रांत कृष्ण सिंह, सुहेलदेव भारतीय समजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दयाराम भार्गव, देश के जाने माने मानव अधिकार पक्षकार राजीव कुमार शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार रंजन कुमार, भाजपा नेता दीप्ति शर्मा जोशी उपस्थित रहे ।