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नोएडा। पति सौरभकांत तिवारी की तलाश में बांग्लादेश से नोएडा आई सोनिया अख्तर ने बुधवार को अधिकारियों के सामने कई ऐसे दस्तावेज पेश किए। जिससे सौरभकांत को मानना ही पड़ा की एक साल का अन्नू उसी का बेटा है।
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अपर पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा) प्रीति यादव ने काउंसलिंग के मकसद से बुधवार को सौरभकांत और सोनिया को सेक्टर 108 स्थित कार्यालय मे बुलाया था। करीब एक घंटे तक दोनों आमने-सामने रहे। इस दौरान सोनिया ने बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र पर सौरभ का नाम होने समेत कई ऐसे सबूत पेश किए जिससे उसकी बातों को बल मिला। महिला अधिकारी के सामने सोनिया ने कहा कि वह सिर्फ अपने पति को घर वापस ले जाने के लिए भारत आई है। कोई एक करोड़ तो क्या दस करोड़ रुपये भी दे तो भी वह बिना पति के वापस नहीं जाएगी। सोनिया का दावा है कि सौरभ ने अधिकारियों के सामने यह भी कबूल किया कि उसने धर्मांतरण किया था। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच अभी भी जारी है। घटनास्थल बांग्लादेश का होने के कारण इस संबंध में भले ही केस नोएडा के किसी थाने में दर्ज नहीं हुआ है पर पुलिस हर एंगल से मामले की जांच में जुटी है। इसी क्रम में दोनों को डीसीपी ने अपनी ऑफिस में बुलाया था ताकि काउंसलिंग कर रिश्तों को कोई मंजिल दी जा सके।
सोनिया ने बताया कि ढाका की बायतुल मस्जिद में उसका और सौरभकांत का 14 अप्रैल 2021 को निकाह हुआ था। यह निकाह पूरी तरह से मुस्लिम धर्म के अनुसार हुआ था। निकाह के तीन दिन पहले सौरभ पर धर्म परिवर्तन करने का आरोप है। काउंसलिंग के दौरान सौरभ ज्यादातर समय चुप रहे, वहीं सोनिया ने अधिकारियों के सामने खुलकर अपनी बात दस्तावेजों के साथ रखी। तीन अगस्त को नोएडा पहुंची महिला ने यह भी बताया कि सौरभ से पहली मुलाकात उसके ही ऑफिस में हुई थी। कंपनी में केमिकल सप्लाई को लेकर एक मीटिंग हुई थी,जिसमें सोनिया भी गई थीं। मीटिंग में दोनों पहली बार मिले। इसके बाद सौरभ ने उसका नंबर तलाशा और बातचीत होने लगी। जल्द ही दोस्ती प्यार में बदली और दोनों ने निकाह करने की सोची।