Loksabha Election 2024: क्या यूपी चुनाव में काम आएंगे मोहन यादव? सपा के यादव वोट बैंक में सेंध लगा पाएगी BJP
सपा के यादव वोट बैंक में सेंध लगा पाएगी BJP
Loksabha Election 2024, Mohan Yadav UP Rally: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने विपक्षी दलों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) के जरिए यूपी में यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की खास योजना बनाई गई है. अगर बीजेपी का निशाना सटीक रहा तो यूपी में सपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. यूपी में सपा मुखिया अखिलेश को घेरने के लिए बीजेपी मोहन यादव को लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक के तौर पर उतारने की तैयारी कर रही है. बीजेपी मोहन यादव के साथ सपा के गढ़ मानी जाने वाली लोकसभा सीटों कन्नौज, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, आज़मगढ़ में बड़ी-बड़ी जनसभाएं करने की योजना पर काम कर रही है.
अखिलेश संभालेंगे यूपी!
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) मंगलवार को यूपी दौरे पर थे. मोहन यादव पहुंचे आज़मगढ़. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. यूपी में उनके दखल से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के माथे पर शिकन साफ देखी जा सकती है. जब मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था. उस वक्त शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि मोहन यादव मध्य प्रदेश और अखिलेश यादव यूपी संभालेंगे, लेकिन आने वाले दिनों में मोहन यादव सपा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.
बीजेपी की नजर यादव वोट बैंक पर है
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि चुनाव को लेकर बीजेपी हमेशा एक्टिव मोड में रहती है. बीजेपी ने यूपी में INDIA गठबंधन को घेरने की तैयारी कर ली है. सपा के यादव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से यूपी का सियासी गणित समझ रहे हैं. सपा को उसके ही गढ़ में घेरने का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। यूपी की कन्नौज, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, आज़मगढ़ जैसी सीटों पर समाजवादी पार्टी मजबूत मानी जाती है. इसके साथ ही इन सीटों पर यादव मतदाताओं की संख्या भी सबसे ज्यादा है. अब बीजेपी इन सीटों पर सपा को घेरेगी.
महागठबंधन को कमजोर करने की रणनीति
बीजेपी अपनी रणनीति के तहत काम कर रही है. एक तरफ जहां भारत गठबंधन में शामिल दलों को तोड़कर एनडीए का हिस्सा बना रहा है, जिसमें आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी का नाम सबसे ऊपर है. दूसरी ओर, भारत गठबंधन के शीर्ष नेताओं को पार्टी में शामिल करने पर काम कर रहा है. जिसके चलते विपक्ष का महागठबंधन लगातार कमजोर होता जा रहा है. बीजेपी को पहले से ही अनुमान था कि अगर महागठबंधन ने योजनाबद्ध तरीके से एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ा तो इसका खामियाजा एनडीए को भुगतना पड़ सकता है.