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विश्व हिंदी सम्मेलन: फिजी में 15 से 17 फरवरी तक होगा उद्घाटन, विदेश मंत्री करेंगे उद्घाटन

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भारत की राजभाषा हिंदी की प्रसिद्धि विश्व के कई क्षेत्रों में लगातार बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन इस बार फिजी में आयोजित किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस महीने के अंत में फिजी सरकार के समर्थन से 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन उनके देश में किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के सचिव सौरभ कुमार ने एक विशेष मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि विदेश मंत्रालय के द्वारा आयोजित 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन दक्षिण प्रशांत देश के नाडी में 15 से 17 फरवरी के दौरान आयोजित किया जाएगा।

12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में 50 देशों के प्रतिनिधि हो सकते हैं शामिल
12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत से 270 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल फिजी का दौरा करेंगे। साथ ही इस बार के हिंदी सम्मेलन में 50 देशों के प्रतिनिधियों के भाग लेने की भी उम्मीद की जा रही है। बता दें कि फिजी दक्षिण प्रशांत में 300 से अधिक दीपों का एक द्वीप समूह है। 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के कार्यक्रम का उद्घाटन 15 फरवरी को विदेश मंत्री एस जयशंकर और फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका का के द्वारा किया जाएगा।

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पिछले साल ही फिजी में विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन का हुआ था फैसला
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा भी फिजी में आयोजित किए जा रहे हिंदी सम्मेलन के दौरान उपस्थित रहेंगे। हालांकि फिजी में विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन करने का फैसला पहले ही ले लिया गया था। पिछले साल मॉरीशस में विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन फिजी में आयोजित करने का फैसला लिया गया था।

हिंदी-पारंपरिक ज्ञान से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक है सम्मेलन की थीम
विदेश मंत्रालय के सचिव ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री हमेशा हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं। वह अपने हर भाषण को हिंदी में ही देते हैं। चाहे उनका भाषण भारत में दिया जा रहा हो या फिर विदेश में दिया जा रहा हो। प्रधानमंत्री के द्वारा हिंदी भाषा का इस्तेमाल करने से हिंदी भाषा का मूल्य बढ़ा है। यही वजह है कि इसका इस्तेमाल करने के लिए अधिक से अधिक लोग प्रेरित भी हुए हैं। 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की थीम हिंदी-पारंपरिक ज्ञान से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक रखी गई है।

हिंदी भाषा ने संयुक्त राष्ट्र में की है प्रगति
इस थीम से भारत यह दिखाना चाहता है कि जहां एक तरफ हम अपने पारंपरिक ज्ञान का सम्मान कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ यह दिखा रहे हैं कि हिंदी तकनीकी प्रगति के साथ साथ चलने में सफल रही है।विदेश मंत्रालय के सचिव ने कहा कि भारत सरकार हिंदी भाषा को बहुत महत्वता दे रही है। लेकिन भाषा ने संयुक्त राष्ट्र में प्रगति की है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र की प्रेस विज्ञप्तियां अब हिंदी में उपलब्ध हैं। सचिव ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को उसका सही स्थान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।

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