Thejantarmantar
Latest Hindi news , discuss, debate ,dissent

- Advertisement -

पहली बारिश में राम मंदिर की छत से टपका पानी, महंत बोले समस्या को दूर करें!

अयोध्या राम मंदिर में पहली ही बारिश से पानी टपकना शुरू हो गया है। मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने इस समस्या का जल्द समाधान कराने के लिए कहा है।

0 57,286

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Advertisement -

 अयोध्या- अभी राम मंदिर से उद्घाटन को छह महीने ही हुए हैं। लेकिन मंदिर के निर्माण में खामी दिखने लगी है। बारिश का मौसम अभी शुरू भी नहीं हुआ है। अभी तो गर्मी से राहत देने वाली पहली बारिश में ही राम मंदिर की छत से पानी टपकने लगा है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। रविवार को अयोध्या में हल्की बारिश के बाद ही सीलन और पानी टपकने की शिकायतें सामने आने लगी हैं। वहीं मंदिर के महंत सत्येंद्र दास ने भी पानी टपकने और गर्भ गृह से पानी न निकलने की समस्या पर ध्यान आकर्षित कराया है।

महंत सतेन्द्र दास ने समास्या का समाधान करने के लिए कहा

राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास अनुसार जहां रामलला विराजमान हैं, उसमें पहली बारिश में ही पानी टपकने लगा। गर्भ गृह के अंदर पानी भी भर गया था। इस समस्या का सामधान आज-कल में सोच कर निश्चित कर लें। नहीं तो बारिश शुरू होगी तो पूजा-अर्चना और दर्शन बंद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि गर्भ गृह के सामने जहां नए पुजारी बैठते हैं, जहां पूजा-पाठ होती है, दर्शन स्थल है। जहां वीआईपी दर्शन स्थल है वहां पानी भर गया था।

- Advertisement -

- Advertisement -

नृपेन्द्र मिश्र बोले गुरू मंडल खुला है इसलिए भर गया पानी

श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि मैं अयोध्या में हूं। मैंने पहली मंजिल से बारिश का पानी गिरते हुए देखा।ऐसा अपेक्षित है क्योंकि गुरु मंडप खुला हुआ है। दूसरी मंजिल और शिखर के पूरा होने से यह ढक जाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ रिसाव भी देखा है। पहली मंजिल पर अभी काम चल रहा है। काम पूरा होते ही नाली को बंद कर दिया जाएगा। गर्भगृह में कोई जल निकासी नहीं है। क्योंकि सभी मंडपों में पानी की निकासी के लिए ढलान बनाई जाती है। गर्भगृह से पानी को मैनुअली निकाला जाता है। भक्त भगवान पर अभिषेक नहीं कर रहे हैं। इसमें कोई डिज़ाइन या निर्माण का मुद्दा नहीं है। जो मंडप खुले हैं, उनसे बारिश का पानी गिरने की बात हो रही है, लेकिन नागर वास्तुशिल्प के अनुसार उन्हें खुला रखने का निर्णय लिया गया था।

- Advertisement -

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More