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भारत के आदर्श और राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी व गुरू गोविंद सिंह -योगी आदित्यनाथ

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 नोएडा- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को जनपद गौतमबुद्ध नगर के एक दिवसीय भ्रमण के दौरान एनटीपीसी दादरी में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण के साथ ही जनपद की लगभग 1467 करोड़ रुपए की 97 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। जिसमें सड़क, पुल, औद्योगिक क्षेत्रों का विकास और अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश औद्योगिक नीति के तहत 14 औद्योगिक इकाइयों को अनुमन्य 617 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि का भी वितरण किया।
एनटीपीसी दादरी परिसर में महाराणा प्रताप स्टेडियम में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप के स्वाभिमान, स्वधर्म और स्वदेश के प्रति अद्वितीय समर्पण को याद करते हुए उन्हें सच्चा राष्ट्रनायक बताया। उन्होंने महाराणा प्रताप की वीरता की गाथा को विस्तार से बयां किया। उन्होंने कहा कि अकबर हो या औरंगजेब, हिन्दुओं के प्रति सबकी मानसिकता एक ही थी। उन्होंने कहा कि हमारे आदर्श और राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और गुरू गोविंद सिंह महाराज हैं, ना कि अकबर या औरंगजेब। वहीं मुख्यमंत्री ने राणा सांगा की वीरता का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महाराणा प्रताप के जीवन और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने स्वदेश और स्वधर्म के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने मुगलों के सामने झुकने की बजाय, स्वाभिमान को चुना। चित्तौड़ के राजवंश में जन्मे और कुम्भलगढ़ में पैदा हुए महाराणा प्रताप ने मात्र 28 साल की उम्र में अकबर जैसे विशाल साम्राज्य से पहला युद्ध लड़ा। उन्होंने हल्दीघाटी की प्रसिद्ध लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि 20 हजार सैनिकों के साथ मुगलों की लाखों की सेना का मुकाबला करने वाला योद्धा ही हमारा सच्चा नायक हो सकता है। हल्दीघाटी ने उन्हें राष्ट्रनायक का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपने जीवनकाल में मेवाड़ के खोए हुए क्षेत्रों को वापस लेकर अकबर को घुटने टेकने पर मजबूर किया। उनके घोड़े चेतक की स्वामिभक्ति भी अद्भुत थी। आज भी हल्दीघाटी की मिट्टी को लोग तीर्थ के रूप में सम्मान देते हैं। यह भारत की महान परंपरा का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकबर कभी नायक नहीं हो सकता। चाहे अकबर हो या औरंगजेब, इनकी हिंदुओं के प्रति मानसिकता एक जैसी थी। इन्होंने भारत की सनातन परंपरा को रौंदने के लिए तमाम षड्यंत्र रचे। इसके विपरीत, महाराणा प्रताप ने अपने बलिदान से सनातन संस्कृति की रक्षा की। मुख्यमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज और गुरु गोविंद सिंह का भी उल्लेख किया और कहा कि ये राष्ट्रनायक हमारी प्रेरणा हैं। जो इनका सम्मान नहीं करते, वे विकृत मानसिकता के शिकार हैं और उन्हें उपचार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को इन महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। महाराणा प्रताप का योगदान हमें सिखाता है कि स्वाभिमान और स्वधर्म से समझौता नहीं करना चाहिए। यही कारण है कि पूरा देश उन्हें याद करता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गौतमबुद्ध नगर के लिए कई घोषणाएं कीं, जिनमें राजकीय डिग्री कॉलेज, 100 बेड का चिकित्सालय, आईटीआई और स्टेडियम शामिल हैं। उन्होंने किसानों के लिए सर्किल रेट बढ़ाने और बाईपास निर्माण की बात पर भी सहमति जताई। उन्होंने मुख्य सचिव को कहा कि यहां ऐसा आईटीआई बनना चाहिए, जहां एआई, ड्रोन टेक्नोलॉजी सहित सभी मॉर्डन टेक्नोलॉजी की जानकारी युवाओं को दी जाए। उन्होंने बताया कि जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट लगभग तैयार है, फिल्म सिटी बन रही है। गौतमबुद्ध नगर विकास के नए युग में प्रवेश कर चुका है।

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