ये दिल्ली है मेरे यार, कभी पानी की किल्लत, कभी भरमार!
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नई दिल्ली- दिल्ली के साथ बहुत विडम्बना है। अभी कल ही टीवी चैनल्स पर दिल्ली में पानी की कमी को लेकर खबरें चल रही थी कि दिल्ली में लोगों के पास पर्याप्त पानी नहीं है। दिल्ली सरकार में जल मंत्रालय को सम्भाल रही आतिशी हरियाणा पर पानी देने का दवाब बनाने के लिए आमरण अनशन पर बैठी हुई है। फिर एक रात में सूरत ही बदल गई। 27 तारीख की रात को बदरा ऐसे बरसे की दिल्ली पानी पानी हो गई। पानी से पानी पानी हो गई और शर्म से पानी पानी हो गई। एक रात की बारिश दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम नहीं संभाल पाया। सड़कों पर पानी, गलियों में पानी, एयरपोर्ट पर पानी, बस स्टैंड पर पानी, लोग पानी में खड़े होकर बसों का इंतजार करते हुए दिखे।
कौन है जिम्मेदार दिल्ली के दुर्दशा के लिए
दिल्ली की इस दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है। दिल्ली सरकार या फिर केंद्र सरकार? दिल्ली सरकार से अगर कोई सवाल करें तो वह हर चीज के लिए केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों का दोषी ठहराने की कवायद करने लग जाते हैं। केंद्र सरकार कहती है कि पानी से लेकर पीडब्ल्यू तक दिल्ली सरकार के जिम्मे हैं इसलिए केजरीवाल सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। लेकिन जो केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों को 10 सालों के शासन काल में साफ पानी मय्यसर नहीं करवा पायी उससे क्या ही उम्मीद की जाए।
सीजन की पहली बारिश में दिल्ली का हाल बेहाल
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गुरुवार सुबह 8.30 बजे से शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक दिल्ली में 228 मिमीबारिश हुई है। यह 1936 के बाद जून महीने में 24 घंटे में हुई सबसे ज्यादा बारिश है। उस साल 28 जून को 235.5 मिमी बारिश हुई थी। दिल्ली में जून के पूरे महीने में औसतन 80.6 मिमी बारिश होती है। पिछले 24 घंटे में ही उससे लगभग तीन गुना बारिश होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। सुबह ऑफिस और काम पर जाने वालों को जाम और जलजमाव से जूझना पड़ा थी। सड़कों कितना पानी जमा हो गया है इसकी कहानी सड़कों पर पानी के साथ बह कर आया कूड़ा कह रहा था। शाम तक भी दिल्ली की सड़कों का हाल बेहाल था। जल जमाव के चलते ट्रैफिक की हालत बद से बदतर थी।
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बारिश ने मेयर के दावों की खोली पोल
मॉनसून की पहली बारिश ने ही दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय के दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा था कि इस बार दिल्ली वाले मॉनसून को पूरी तरीके से एंजॉय करेंगे। ड्रेनेज की सफाई का काम पूरा हो चुका है, लेकिन मॉनसून की पहली बारिश में ही जगह-जगह हुए जलभराव से उनके दावों की पोल खुल गई है। आईटीओ पर करीब दो-तीन फीट पानी भर गया है जिससे वहां जाम लग गया। मंडी हाउस जाने वाले हनुमान मंदिर चौराहे पर तीन फीट पानी भरा हुआ है जिसके बाद सड़क बंद कर दी गई है। इससे अशोक रोड, फिरोजशाह रोड और कनॉट प्लेस जाने वाले लोगों को दिक्कत हो रही है। कुछ ऐसा ही हाल दिल्ली के मूलचंद और अन्य इलाकों का भी है। बीते 18 जून को शैली ओबेरॉय ने कहा था कि मॉनसून आने से पहले अपनी तैयारी को पूरा करने में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और उसके अधिकारी जुटे हुए हैं। एमसीडी मेयर का दावा था कि इस बार न तो दिल्ली की सड़कों पर पानी जमा होगा और न ही उसकी निकासी की कोई समस्या आयेगी।
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