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क्या हैं कोरोना का डेल्टा वेरिएंट? जानिए, इस नए वैरिएंट पर कितनी असरदार है हमारी वैक्सीन

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नई दिल्ली – हाल ही में कोरोना की दूसरी लहर का खतरा टला हैं वहीं अब तीसरी लहर आने की चर्चा तेज हो गई हैं। कोरोना की तीसरी लहर आने की खबर अब तक पांच से ज्यादा अध्ययनों ने पुष्टी कर चुकी हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना हैं कि कोरोना की तीसरी लहर डेल्टा वेरियंट (Delta Variant) के कारण बन सकता हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) दुनिया के 100 देशों तक अपना पैर पसार चुका हैं।

डेल्टा वेरियंट क्या हैं ?

वायरस अपने आस्तित्व को बचाने के लिए निरंतर स्ट्रक्चर में बदलाव करता हैं, और वायरस के स्ट्रक्चर में बदलाव ही वेरिएंट कहलाता हैं। कोरोना का यह वायरस भी नए – नए वेरियंट बना रहा हैं। इस नए वेरियंट से हर बार लक्षणों में भी बदलाव देखने को मिलता हैं। भारत में कोरोना के डबल म्यूटेंट वैरियंट मिला था। जिसे डेल्टा (B.1.617.2) (Delta Variant) नाम दिया गया था। ये कोरोना के ओरिजिनल स्ट्रेन के मुकाबले 60 फीसदी ज्यादा तक संक्रामक हैं।

डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ भारतीय वैक्सीन कितनी प्रभावी हैं?

फिलहाल भारत में कोविशिल्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक वी को मिलाकर तीन वैक्सीन लग रही हैं। तीनों का ही असर अलग अलग हैं। डेल्टा वैरियंट (Delta Variant) पर इसके असर को लेकर अलग – अलग अध्ययन हुआ हैं। आइए जानते हैं। इन वैक्सीनों के नतीजे क्या हैं..

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कोविशिल्ड 

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ICMR की नई स्टडी कहती है कि कोवीशील्ड के दोनों डोज ले चुके 16% लोगों में डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ एंटीबॉडी नहीं बनी है। जिन्हें कोवीशील्ड का 1 डोज दिया गया था, उनमें 58.1% लोगों के सीरम सैंपल में भी एंटीबॉडी नहीं मिली है।

कोरोना के अल्फा वैरिएंट के मुकाबले डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) पर कोवीशील्ड कम प्रभावी है। कोवीशील्ड के दोनों डोज ले चुके लोगों में अल्फा के मुकाबले डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 69% कम एंटीबॉडी बनी है। हालांकि, ICMR की एक और स्टडी कहती है कि कोरोना से रिकवर होने के बाद वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ ज्यादा प्रभावी है।

कोवैक्सीन 

भारत बायोटेक ने हाल ही में कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल डेटा जारी किया है। इसमें वैक्सीन की एफिकेसी 77.8% होने का दावा किया गया है। देशभर के 25 हॉस्पिटल में 18 से 98 साल की उम्र के 25 हजार 800 लोगों पर भारत बायोटेक ने ये ट्रायल किए थे। कंपनी का कहना है कि ट्रायल में डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ भी वैक्सीन 65% इफेक्टिव पाई गई है।

स्पुतनिक V – सबसे ज्यादा असरदार होने का दावा 

स्पुतनिक V को बनाने वाले मॉस्को के गामालेया इंस्टीट्यूट ने 29 जून को रिपोर्ट जारी की। दावा किया कि डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ रूसी वैक्सीन 90% इफेक्टिव है। हालांकि, ओरिजिनल वायरस के खिलाफ स्पुतनिक V की इफेक्टिवनेस 92% रही है।

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