कौन हैं यूएफ़सी में जीतने वाली पहली भारतीय पूजा साईक्लोन तोमर- जानिए सब कुछ
"मैं दुनिया को दिखाना चाहती हूं कि भारतीय फाइटर्स आगे बढ़ रहे हैं, हम रुकने वाले नहीं हैं! यह जीत सिर्फ़ मेरी नहीं है; यह सभी भारतीय फैंस और सभी भारतीय फाइटर्स की जीत है।" - पूजा 'साइक्लोन' तोमर
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नई दिल्ली- पूजा तोमर UFC 2024 में ब्राज़ील की रेयान डॉस सैंटोस को हराकर अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप में फाइट जीतने वालीं पहली भारतीय बन गईं और इतिहास रच दिया. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की रहने वाली पूजा ने पिछले साल ही UFC कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनकर नया कीर्तिमान स्थापित किया था.
अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप में जीतने के बाद गर्व और खुशी से भर उठीं MMA चैंपियन पूजा तोमर की नम आंखें ज़ाहिर करती हैं कि यह उनके लिए कितनी बड़ी उपलब्धि है. एक खिलाड़ी के तौर पर पूजा को खुद पर ही नहीं, देश को भी उनपर बेहद नाज़ है. लेकिन उत्तर भारत के एक छोटे से गांव से निकलकर उनके लिए यहां तक पहुंचना ज़रा भी आसान नहीं रहा.
छोटी उम्र में उठा गया था पिता का साया सिर से
उन्होंने 6 साल की उम्र से ही फाइटर बनने की तैयारी शुरू कर दी थी. लेकिन बचपन से ही उन्हें पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलीं, क्योंकि घर चलाने के लिए उनके माता-पिता खेतों में काम किया करते थे और किसी तरह परिवार की जरूरतों को पूरा करते थे.
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पूजा केवल 7 साल की ही थीं, जब उनके पिता का निधन हो गया. इसके बाद माँ और बहनों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आई और थोड़ी एक्स्ट्रा कमाई के लिए उन्होंने Chinese Kung Fu वुशु सीखना शुरू किया.
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अब रच दिया इतिहास
अपने दमदार जोश से उन्होंने वुशु में कई नेशनल और इंटरनेशनल मेडल जीते और अपनी एक पहचान बना ली. फिर उनको कभी पीछे मुड़कर देखने को ज़रूरत नहीं पड़ी.
आगे उन्होंने मैट्रिक्स फाइट नाइट और वन चैंपियनशिप, हर जगह अपनी हिम्मत और जज़्बे का लोहा मनवाया। आख़िरकार उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव की इस लड़की ने अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप जीतकर साबित कर दिया कि जूनून और ज़िद के आगे हर मुश्किल छोटी है। आज पूरे देश को अपनी इस बेटी पर गर्व है।
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