यौन उत्पीड़न के मामले में येदियुरप्पा को राहत, गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत देते हुए POCSO मामले में उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसी के साथ मामले को लेकर सीआईडी द्वारा उनकी गिरफ्तार पर भी रोक लग गई है। कोर्ट ने अब येदियुरप्पा को 17 जून को मामले की जांच कर रही सीआईडी के सामने पेश होने का निर्देश दिया है।
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बैंगलुरू- नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोपी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को 17 जून को मामले की अगली सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आज यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अब येदियुरप्पा को 17 जून को मामले की जांच कर रही सीआईडी के सामने पेश होने का निर्देश दिया है. 81 वर्षीय येदियुरप्पा के खिलाफ गुरुवार को कड़े यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था. पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे बीवाई राघवेंद्र ने दावा किया है कि शिकायत में “कोई सच्चाई नहीं” है. पुलिस के अनुसार, 14 मार्च को 17 वर्षीय लड़की की मां की शिकायत के आधार पर येदियुरप्पा पर POCSO अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 A (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप लगाया गया है.
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इधर, येदियुरप्पा ने जांच में शामिल होने के लिए समय मांगा था. खबरों के मुताबिक, दिग्गज बीजेपी नेता नई दिल्ली में किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं. पुलिस के अनुसार, येदियुरप्पा पर 17 वर्षीय लड़की की मां की शिकायत के आधार पर POCSO अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 A (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है. लड़की की मां ने आरोप लगाया था कि इस साल दो फरवरी को डॉलर्स कॉलोनी स्थित उनके आवास पर एक बैठक के दौरान उन्होंने उनकी बेटी से छेड़छाड़ की थी. हालांकि इस मामले में पीड़ित लड़की की 54 वर्षीय मां की पिछले महीने ही फेंफड़ों के कैंसर के चलते देहांत हो गया है।
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