तेजस्वी – चिराग जल्द दिखेंगे साथ! चिराग की राजद विधायक से बंद कमरे में हुई लंबी बात
पटना – एलजेपी के नेता व दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान इन दिनों सबसे अकेले पड़ चुके हैं। एलजेपी में टूट की कहानी लिए चिराग ने हर उम्मीद का दरवाजा खटखटाया लेकिन कहीं सफलता नहीं मिली। खास बात यह कि जिनके लिए वह हनुमान थे वह भी चिराग का साथ नहीं दिया। यानी की प्रधानमंत्री ने उसकी अनदेखी कर दी, लोकसभा स्पीकर ने भी चिराग की बात सुनने से इंकार कर दिया। चुनाव आयोग से भी मन माना जवाब नहीं आया और पशुपति नाथ चाचा के खिलाफ दर्ज की गई याचिका को हाईकोर्ट ने तो सीधा – सीधा खारिज कर दिया, तो कुल मिलाकर चिराग पासवान को अब अकेले ही आगे रास्ता बनाना पड़ेगा।
शुक्रवार को खगड़िया के शहरबन्नी गांव पहुंचे चिराग पासवान अपनी बड़ी मां को देखकर भावुक हो उठे और उनसे लिपटकर रोने लगे। चिराग ने भावुकता से ही कहा कि चाचा ने मेरा साथ गलत किया है। मां ने भी सांत्वना देते हुए चिराग का हाथ थाम लिया और कहा कि सब ठीक हो जाएगा। तुम अकेले नहीं हो हम सब है न तुम्हारे साथ। ये तो मां-बेटे की बात हो गई। इसके इतर जो नया राजनीतिक समीकरण बुनने की हवा बिहार की राजनीति में तेजी से चल रही है, उसकी बानगी यहां भी देखने को मिली। दरअसल, चिराग जब मां से मिले उसके बाद उन्होंने पिता के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजली दी। इस दरम्यान वहां आरजेडी विधायक रामवृक्ष सदा, आरजेडी जिलाध्यक्ष कुमार रंजन ‘पप्पू’ भी मौजूद थे।
आरजेडी के अलौली विधायक रामवृक्ष सदा और राजद जिलाध्यक्ष कुमार रंजन ‘पप्पू,’ ने चिराग से बंद कमरे में लंबी बातचीत की। इस अवसर पर चिराग के संग सिर्फ लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ही मौजूद रहे। राजद विधायक ने चिराग से कहा कि आपसे आग्रह है, तेजस्वी के संग कंधे से कंधे मिलाकर चलिए। इस पर चिराग ने कहा कि आगे देखिए क्या होता है। राजद विधायक का यह भी कहना हैं कि चिराग अलौली के बेटे हैं। मेरे विधान सभा क्षेत्र के वोटर भी हैं। इसलिए उनके स्वागत में आया हूं।
चिराग पासवान को पहले भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खुले तौर महागठबंधन में आने का न्योता दे चुके हैं। इस पर चिराग की मिली जुली प्रतिक्रिया ही रही। चिराग चाहते कि वह पहले चाचा द्वारा हथियाएं गए राजनीतिक जमीन पर अपना पैठ जमाये उसके बाद ही किसी दल के साथ जाने में उनको सम्मान मिलेगा। बहरहाल, जो कुछ हो बिहार की राजनीति कब किस दिशा में मोड़ ले ले, ये कोई नहीं जानता। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आने वाले समय में चिराग और तेजस्वी एक साथ आ सकते हैं।
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