संतों की नाराजगी की वजह से गए तीरथ, अब किसे मिलेगी देवभूमि की गद्दी, जानिए दावेदारों के नाम…
उत्तराखंड – तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के पीछे संवैधानिक संकट हैं या फिर उत्तराखंड का नाराज साधु – संत समाज और उनके भक्तों का गुस्सा…सीधे तौर पर यह कहना मुश्किल है। लेकिन यह साफ है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिलाकर तीरथ सिंह रावत को CM बनाने का अहम वजह यही पुजारी और संत समाज की नाराजगी थी। जब तीरथ सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया तब उम्मीद थी कि तीरथ संत समाज को साध लेंगे। लेकिन 115 दिनों में तीरथ सिंह रावत कोई कमाल नहीं कर पाए। बल्कि उन्होंने विवादित बयान जरूर दिए।
लिहाजा अब तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड को एक ऐसे CM की जरूरत होगी जो अगले चुनाव में संत समाज और उनके भक्तों को साध सके और चुनाव जिता सके। इधर, तीरथ सिंह के इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने शनिवार को प्रदेश पार्टी मुख्यालय में अपने विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है। प्रदेश के पार्टी मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने शुक्रवार रात बताया कि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में यह बैठक दोपहर 3 बजे होगी । बीजेपी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा है कि अब जो भी मुख्यमंत्री बनेगा, वह विधायकों के बीच से होगा। सीएम के चुनाव को लेकर शनिवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर देहरादून में होंगे। शाम को विधायक दल की मीटिंग होगी। नए सीएम की रेस में तीरथ कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री रहे धन सिंह रावत समेत कई लोगों के नाम चर्चा में हैं।
मुख्यमंत्री के रेस में ये नाम है आगे
सतपाल महराज – सतपाल महराज उत्तराखंड राज्य के गठन में अहम भूमिका निभाए थे। एक सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, आई के गुजराल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु पर उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए दबाव डाला था। 21 मार्च 2014 को वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे। बताया जा रहा हैं कि सतपाल महराज भी सीएम पद के दावेदार हैं।
धन सिंह रावत – धन सिंह आरएसएस कैडर से आते हैं और उत्तराखंड बीजेपी में संगठन मंत्री भी रह चुके हैं। सात अक्टूबर 1971 को जन्में धन सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी हैं। उन्होंने डबल एमए और राजनीति विज्ञान में पीएचडी की है। रावत श्रीनगर विधानसभा से विधायक चुने गए हैं। बताया जा रहा है सीएम पद के दावेदार के लिए इनका नाम भी चर्चा में हैं।
हरक सिंह रावत – करीब डेढ़ महीने पहले कोरोना महामारी से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते समय कैमरे के सामने रो देने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का नाम भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में बताया जा रहा है। हरक सिंह रावत के पास इस समय आयुष और आयुष शिक्षा समेत कई महत्वपूर्ण विभाग हैं।
इन नामों के अलावा बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफान, पुष्कार धामी के नाम भी मुख्यमंत्री रेस में आगे चल रहे हैं। या फिर बीजेपी 2007 से 2012 के बीच का प्रयोग भी कर सकती हैं। इस दौरान भुवन चंद्र खंडूडी को हटाकर रमेश पोखरियाल निशंक को सीएंम बनाया गया था और बाद में निशंक को हटाकर फिर से खंडूडी को मुख्यमंत्री बना दिया गया था। अगर ऐसा प्रयोग किया तो त्रिवेंद्र रावत को फिर से राज्य की मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। त्रिवेंद्र डोईवाला से विधायक हैं।