भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर, GDP में दो अंको की वृद्धि, कई दूरगामी सुधार जारी- बीजेपी प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल
इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 5-6 सरकारी कंपनियों का नीजिकरण करने का लक्ष्य
नई दिल्ली – बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने 18 नवंबर को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि आज की तारीख में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा जोखिम मुद्रास्फीति के दवाब के कारण ब्याज दरों का समय से पहले सख्त होना है। दुनिया भर में तेल और कमोडिटी की किमतें बढ रही है, अमेरिकी मुद्रास्फिति 30 साल के उच्च स्तर 6.2% पर है। यह कोविड के आर्थिक नतीजों से लड़ने के लिए दुनिया के प्रमुख देशों द्वारा अपनाई गई गलत आर्थिक नीति का परिणाम है। अधिकांश देशों ने बड़े पैमाने पर आसान मौद्रिक नीतियों का पालन किया है। जैसे कि मुद्रा की प्रिंटिंग करना और बिना काम के लोगों को भुगतान करने जैसे नीतियां अब गलत साबित हो रही है।
तीव्र आर्थिक दवाब के बावजूद विवेकपूर्ण आर्थिक नीतियों का पालन किया
अक्टूबर 2021 में वित्त मंत्रालय के मासिक आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार इनपुट लागत में वृद्धि और दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के व्यापक प्रभाव चिंता का विषय बने हुए है। कोविड 19 के दौरान हमारी सरकार तीव्र आर्थिक दवाब के बावजूद विवेकपूर्ण आर्थिक नीति का पालन किया। मोदी सरकार ने अपनी आर्थिक प्रतिक्रिया में कैलिब्रेटेड दृष्टिकोण का पालन किया है, जैसे अनुक्रमिक राजकोषीय प्रोत्साहन और डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर किया इसके साथ साथ Counter Cyclical policy का पालन किया और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठाकर उन पर कर बढ़ा दिया। अब जबकि महामारी के बाद कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है, हमने पेट्रोल औऱ डीजल पर उत्पाद शुल्क में काफी कमी की है। यह कदम निम्नलिखित दो उद्देश्यों के साथ उठाया गया।
- मुद्रास्फिति को नियंत्रण में रखना
- उपभोक्ता मांग में वृद्धि
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने कहा कि उपरोक्त दो प्रमुख कदमों के साथ ही मोदी सरकार कई दूरगामी सुधार करने में जुटी है। अक्टूबर के महीने में सरकार एयर इंडिया के नीजिकरण पर किसी निर्णय पर पहुंची है और इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक औपचारिकताएं पूरी होने की उम्मीद है। एयर इंडिया का निजीकरण एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है। 18 साल बाद किसी भी सार्वजनिक उपक्रम का निजीकरण किया गया है। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 5-6 सरकारी कंपनियों का नीजिकरण करने का लक्ष्य रखा है। मोदी सरकार द्वारा विनिवेश किये जा रहे दूसरी पीढ़ी के सुधारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे केबल संसाधन उत्पन्न करने के साधन के रूप में देखना गलत होगा। गोपाल अग्रवाल ने आगे कहा कि मैं बता देना चाहता हुँ कि भारतीय अर्थव्यवस्था के संबंध में मनमोहन सिंह सरकार के 10 वर्ष बेकार गए।
भारत ट्वीन बैलेंस शीट संकट से बाहर आ गया
राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने कहा कि भारत नरेंद्र मोदी की सही आर्थिक नीतियों के कारण ट्वीन बैलेंस शीट संकट से बाहर आ गया है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हमने आर्थिक सुधारों से जमीन तैयार कर दी है और नीजि क्षेत्र को छलांग लगाने की जरूरत है।
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